अफ्रीका में 25 वर्षों में सबसे गंभीर कॉलरा प्रकोप, 7,000 से अधिक लोगों की मौत

13 Nov 2025 22:29:00

अदीस अबाबा, 13 नवंबर (हि.स.)। अफ्रीका इस समय पिछले 25 वर्षों में सबसे भीषण कॉलरा प्रकोप का सामना कर रहा है। अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Africa CDC) ने गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी। संस्था ने बताया कि इस तेज़ी से फैलने वाली बीमारी के पीछे कमज़ोर जल आपूर्ति प्रणालियां और संघर्षग्रस्त क्षेत्र मुख्य कारण हैं।

अफ्रीका सीडीसी के अनुसार, महाद्वीप में अब तक लगभग 3 लाख संदिग्ध और पुष्टि किए गए कॉलरा मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से 7,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 30% से अधिक वृद्धि दर्शाता है।

अंगोला और बुरुंडी में हाल के हफ्तों में मामलों में तेज़ बढ़ोतरी देखी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन देशों में सुरक्षित पेयजल तक सीमित पहुंच के कारण संक्रमण तेजी से फैल रहा है।

कॉलरा एक गंभीर और घातक दस्तजन्य रोग है, जो तब फैलता है जब सीवेज और पीने के पानी का उचित उपचार नहीं किया जाता।

हालांकि, कांगो में स्थिति कुछ हद तक नियंत्रण में दिखाई दे रही है, क्योंकि वहां कुल मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है वहां भीड़भाड़ वाले शिविरों और खराब स्वच्छता के कारण संक्रमण तेजी से फैल रहा है।

अफ्रीका सीडीसी ने बताया कि दक्षिण सूडान और सोमालिया में भी स्थिति में सुधार देखने को मिला है।

इसके अलावा इथियोपिया में आठ संदिग्ध वायरल हेमोरेजिक फीवर के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनकी जांच जारी है। स्थानीय प्रशासन ने संभावित प्रकोप को रोकने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल (रैपिड रिस्पॉन्स टीम्स) तैनात कर दिए हैं।

संस्थान ने यह भी बताया कि एमपॉक्स (Mpox) का प्रकोप कुछ देशों में घट रहा है, हालांकि केन्या, गिनी, लाइबेरिया और घाना जैसे देशों में यह बीमारी अब भी चिंता का विषय बनी हुई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

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