
कोलकाता, 13 नवम्बर (हि.स.)। 31वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (केआईएफएफ 2025) का गुरुवार को समापन हो गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा, “हम सभी ने मिलकर अथक परिश्रम किया ताकि यह फिल्म समारोह आपके सामने सुंदर ढंग से प्रस्तुत हो सके। पूरे समारोह के दौरान आपने जिस तरह हमारा साथ दिया, उसके लिए हम सम्मानित महसूस करते हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से आपको धन्यवाद देने आई हूं। लेकिन यह मत सोचिए कि अब आपकी छुट्टी हो गई। अगले वर्ष भी आपको इसी तरह हमारे कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में आना होगा— एक सपना और एक लक्ष्य लेकर। ‘विजन’ के साथ आपका ‘मिशन’ भी होना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे बंगाल में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हमारे राज्य में जितने गुणी कलाकार हैं, उतने ही प्राकृतिक सौंदर्य के खजाने भी हैं। यहां मनोरम गांव, नदी-झीलें, घने वन, हिमालय की गोद और मनमोहक समुद्र तट— सब कुछ है। बस, आपको यहां आना होगा, हमारे फिल्म निर्माताओं से जुड़ना होगा, हमारे कलाकारों के काम को देखना होगा। याद रखिए, हॉलीवुड और बॉलीवुड की ख्याति विश्वव्यापी है, लेकिन बंगाल भारत की संस्कृति का पवित्र केंद्र है।”
कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे विश्वास है कि आपने इस कोलकाता यात्रा का आनंद लिया होगा। हमारे बंगाल और कोलकाता के लोग जितने मधुर हैं। आपके यहां आने से हमारा हृदय गौरव से भर गया है।”
मुख्यमंत्री ने समारोह में शामिल 39 देशों से आए अतिथियों, निर्णायकों और सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद और शुभकामनाएं दी।
अपने भाषण के अंत में ममता बनर्जी ने घोषणा की, “मैं आप सभी से वादा करती हूं कि अगले वर्ष हम कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का आयोजन और भी बड़े और भव्य स्तर पर करेंगे।”
गौतम घोष को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्डलगभग पांच दशकों की सृजनात्मक यात्रा के उपरांत प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक गौतम घोष को कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह के मंच पर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ प्रदान किया गया।
पुरस्कार ग्रहण करने के बाद गौतम घोष ने यह सम्मान अपनी दिवंगत पत्नी नीलांजना घोष को समर्पित करते हुए कहा, “वह न होतीं, तो यह यात्रा संभव नहीं थी।”
उल्लेखनीय है कि कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 31वें संस्करण की शुरुआत गत छह नवंबर को हुई थी। इसमें 39 देशों की कुल 215 फिल्में कोलकाता की 21 सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गईं। इस बार की थीम कंट्री पोलैंड को रखा गया था। इस प्रतिष्ठित वार्षिक आयोजन की शुरुआत वर्ष 1995 में हुई थी।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर