बांग्लादेश में लॉकडाउन और पूर्ण बंद का असर: हिंसा भड़की, ढाका में बसें जलाईं गई, परिवहन ठप

13 Nov 2025 19:04:00
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना


ढाका, 13 नवंबर (हि. स . )। बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के मुकदमे के विरोध में प्रतिबंधित अवामी लीग द्वारा बुधवार को घोषित देशव्यापी लॉकडाउन और गुरूवार के पूर्ण बंद के आहवान का देशभर में व्यापक असर दिखा। इस दाैरान स्कूल-कॉलेजों की कक्षाएं ऑनलाइन हो गईं, जबकि परिवहन सेवाएं बुरी तरह बाधित रहीं।

खबराें के मुताबिक पूर्ण बंद के कारण राजधानी ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ। लाखाें छात्राें की स्कूल कालेज की कक्षाएं आनलाइन हाे गई और परीक्षाए स्थगित कर दी गई। इस दाैरान सार्वजनिक सेवांए लगभग ठप रही जिसके कारण बसाे, ट्रेनाें और नाैका संचालन निलंबित या सीमित रहा।इससे यात्रियाें काे भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।

खबराें के अनुसार इस दाैरान ढाका में हिंसक प्रदर्शन हुए , जिसमें पांच खाली बसों को आग लगा दी गई। 1

प्रदर्शनकारियों ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर में बम फेंके, जबकि मुंशीगंज, तंगाइल और अन्य इलाकों में आगजनी हुई। हालाकिं अभी तक किसी के हताहत हाेने की काेई खबर नहीं है।अवामी लीग ने हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोपों को ‘राजनीतिक साजिश’ बताते हुए लॉकडाउन का आह्वान किया। हसीना, अगस्त 2024 के छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह के बाद से भारत में निर्वासन में हैं। उनपर 1,400 से अधिक मौतों का आरोप है। इस बाबत एक विशेष ट्रिब्यूनल 17 नवंबर को फैसला सुनाने वाला है, जहां अभियोजकों ने हसीना के लिए मृत्युदंड की मांग की है।

इस बीच

ढाका में सुबह से ही सैन्य बल तैनात हैं, और अंतरिम सरकार ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। नोबेल विजेता और अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने हसीना के समर्थकों को चेतावनी दी है कि कानून का पालन न करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल

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