
- दो बार की विश्व चैंपियन ने एनएसएनआईएस पटियाला में 45 दिन का कैंप किया, बोलीं-अब पूरा ध्यान घरेलू टूर्नामेंट पर
नई दिल्ली, 13 नवंबर (हि.स.)। दो बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज निकहत जरीन आगामी वर्ल्ड बॉक्सिंग कप फाइनल्स में स्वर्ण पदक जीतने के इरादे से पूरी तरह तैयार हैं। यह प्रतियोगिता 14 से 21 नवंबर तक ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित होगी।
निकहत 20 सदस्यीय भारतीय दल का हिस्सा हैं, जिसमें 10 पुरुष और 10 महिला मुक्केबाज शामिल हैं, जिन्होंने 1 अक्टूबर से 14 नवंबर तक स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान, पटियाला में प्रशिक्षण लिया।
हाल ही में लिवरपूल विश्व चैंपियनशिप में 51 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करने वाली निकहत इस टूर्नामेंट में वापसी करने के लिए पूरी तरह दृढ़ हैं। लिवरपूल में वे तुर्किये की दो बार की ओलंपिक रजत पदक विजेता बुसे नाज़ काकिरोग्लू से 0-5 से हार गई थीं।
निकहत जरीन ने साई मीडिया से बातचीत में कहा, “लिवरपूल वर्ल्ड चैंपियनशिप मेरा एक साल के अंतराल के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था। वह मेरे लिए बड़ा सबक था। अब मेरा पूरा ध्यान वर्ल्ड बॉक्सिंग कप फाइनल्स पर है और मैं चाहती हूं कि अपने घरेलू दर्शकों के सामने स्वर्ण पदक जीतकर इस सीज़न की शानदार शुरुआत करूं।”
उन्होंने कहा, “भारत में वर्ल्ड बॉक्सिंग कप फाइनल्स का आयोजन हो रहा है, इसलिए उत्साह दोगुना है। 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद मैं पहली बार भारत में रिंग में उतरने जा रही हूं। घरेलू दर्शकों के सामने खेलना हमेशा अलग अनुभव होता है। भारतीय प्रशंसकों की अपेक्षाएं बहुत ऊंची हैं, इसलिए मैं उन्हें खुश करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हूं।”
भारत पहले भी बॉक्सिंग विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी कर चुका है, लेकिन वर्ल्ड बॉक्सिंग कप फाइनल्स पहली बार देश में आयोजित हो रहे हैं। यह भारत सरकार की उस पहल का हिस्सा है जिसके तहत वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप, आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप, और बिली जीन किंग कप प्ले-ऑफ्स जैसे विश्व स्तरीय आयोजनों को भारत लाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि देश के एथलीटों को घरेलू माहौल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का मौका मिल सके।
हैदराबाद की रहने वाली निकहत ने कहा, “पेरिस ओलंपिक मेरे लिए शानदार अनुभव रहा, भले ही मैं पदक नहीं ला सकी। लेकिन अब मैंने उस अध्याय को पीछे छोड़ दिया है। मैं आगे बढ़ चुकी हूं। अब मेरा लक्ष्य लॉस एंजेलिस 2028 ओलंपिक है। तब तक कई प्रतियोगिताएं हैं जिनमें मुझे खुद को और बेहतर साबित करना है।”
29 वर्षीय मुक्केबाज ने बताया कि उन्हें अब अपने वजन को 51 किग्रा से घटाकर 50 किग्रा फ्लाईवेट वर्ग में लाना होगा, क्योंकि वर्ल्ड बॉक्सिंग ने नई श्रेणियों की घोषणा की है।
उन्होंने कहा, “वजन घटाना, ट्रेनिंग रणनीति बदलना, खानपान और नींद का समय नियंत्रित रखना — ये सब दबाव का हिस्सा हैं। लेकिन जैसे ही रिंग में उतरती हूं, सारा दबाव खत्म हो जाता है और दिमाग में सिर्फ एक ही बात रहती है — जीतना।”
क्या निचले वजन वर्ग में मुकाबला ज्यादा कठिन होता है? इस सवाल पर निकहत ने कहा, “हाँ, निचले वजन वर्ग में प्रतियोगिता ज्यादा सख्त होती है क्योंकि यहाँ प्रतिस्पर्धियों की संख्या अधिक होती है और वे बेहद तेज़ और शक्तिशाली होती हैं। हैवीवेट वर्ग में ताकत ज्यादा होती है, लेकिन गति कम होती है। फ्लाईवेट में दोनों का मिश्रण देखने को मिलता है, इसलिए मुकाबला काफी चुनौतीपूर्ण होता है।”
लॉस एंजेलिस 2028 ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना अब निकहत जरीन का सबसे बड़ा लक्ष्य है। 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स की स्वर्ण पदक विजेता निकहत ने इसके लिए अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे