
इस्लामाबाद, 14 नवंबर (हि.स.)। पाकिस्तान संघीय संवैधानिक न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान को आज सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई जाएगी। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान को संवैधानिक न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। कानून और न्याय मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, यह नियुक्ति इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 175-ए के खंड (3) और अनुच्छेद 175-सी के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए की गई है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, अधिसूचना में कहा गया है कि न्यायमूर्ति खान की नियुक्ति उनके पद की शपथ लेने की तिथि से प्रभावी होगी। यह घटनाक्रम हाल ही में 27वें संविधान संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद हुआ है। इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से मंजूरी दी गई थी। नए प्रावधानों के तहत समान प्रांतीय प्रतिनिधित्व वाला एक संघीय संवैधानिक न्यायालय स्थापित किया जाएगा। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री न्यायिक नियुक्तियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।उच्चतम न्यायालय की कुछ शक्तियाँ अब संघीय संवैधानिक न्यायालय को हस्तांतरित कर दी जाएंगी।
पाकिस्तान न्यायिक आयोग अब उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्थानांतरण की निगरानी करेगा। ऐसे स्थानांतरणों पर किसी भी आपत्ति की समीक्षा सर्वोच्च न्यायिक परिषद करेगी। संवैधानिक न्यायालय में नियुक्त होने वाले उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की पात्रता की आवश्यकता सात वर्ष से घटाकर पांच वर्ष कर दी गई है। नए न्यायालय में शामिल होने वाले उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीशों की वरिष्ठता बरकरार रहेगी, जबकि बार या उच्च न्यायालयों से नियुक्त न्यायाधीशों की वरिष्ठता आयु के आधार पर निर्धारित की जाएगी।
डान अखबार के अनुसार, न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान शुक्रवार सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों और उच्च पदस्थ अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। न्यायमूर्ति खान का जन्म 1960 में मुल्तान में हुआ। उन्होंने 1984 में यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज मुल्तान से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और अपने पिता खान सादिक मोहम्मद अहसन के अधीन वकालत शुरू की।
वे 1987 में लाहौर उच्च न्यायालय और 2001 में उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता बने। 2001 में मुल्तान स्थित ज़फर लॉ चैंबर्स में शामिल हुए और 2011 में न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत होने तक इसी कानूनी फर्म के साथ काम किया। वो 2019 में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बने। उन्हें नवंबर 2024 में उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ का प्रमुख बनाया गया।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के 27वें संविधान संशोधन पर हस्ताक्षर करने के कुछ घंटे बाद उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों मंसूर अली शाह और अतहर मिनल्लाह ने विरोध स्वरूप अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद जरदारी ने न्यायाधीश अमीनुद्दीन खान को संघीय संवैधानिक न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद