श्रीलंका के शिक्षाविद् डॉ. हरिश्चंद्र विजयथुंगा का 94 वर्ष की आयु में निधन

14 Nov 2025 11:54:00
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कोलंबो, 14 नवंबर (हि.स.)। श्रीलंका के प्रख्यात शिक्षाविद्, कोषकार, अनुवादक, वकील और प्रतिष्ठित राजनीतिज्ञ डॉ. हरिश्चंद्र विजयतुंगा का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 25 अक्टूबर, 1931 को मिनुवांगोडा में जन्मे डॉ. विजयतुंगा ने जीवनपर्यंत में सिंहली भाषा के उत्थान और साहित्य कर्म से जुड़े रहे। उन्होंने प्रैक्टिकल सिंहली डिक्शनरी (1982) और गुनासेना ग्रेट सिंहली डिक्शनरी का संकलन किया। उनकी यह दोनों कृति आज भी सबसे व्यापक सिंहली शब्दकोशों में से एक हैं।

डेली न्यूज अखबार की रिपोर्ट में उनके निधन की सूचना दी गई है। उन्होंने सिंहली वर्णमाला के मानकीकरण के लिए वैज्ञानिक विचार प्रस्तुत किए। यह सिंहली भाषा के विकास और संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने श्रीलंका सरकार के विभिन्न संस्थानों में विभिन्न पदों पर कार्य किया। विजयतुंगा मदरलैंड पीपुल्स पार्टी से जुड़े रहे। उन्होंने 1994 और 1999 में राष्ट्रपति चुनाव में किस्मत आजमायी।

हरिश्चंद्र विजयतुंगा के पिता विजयतुंगा मुदालिगे आयुर्वेदिक चिकित्सक थे।उनकी मां का नाम अमरावती जयसिंघे है। विजयातुंगा आठ भाई-बहनों वाले परिवार में चौथे नंबर पर थे। विजयतुंगा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मिनुवांगोडा के सरकारी द्विभाषी स्कूल से प्राप्त की। आगे की पढ़ाई नालंदा कॉलेज मिनुवांगोडा और कोलंबो से की। नालंदा कॉलेज में विजयतुंगा के कुछ सहपाठियों में करुणारत्ने अबेसेकेरा, डॉ. हडसन सिल्वा,डॉ. धर्मसेना अट्टीगले, रूपा करुणाथिलके, रवींद्र रूपसेना और स्टेनली जयसिंघे शामिल हैं। उन्होंने कुछ समय तक सीलोन विश्वविद्यालय में भी पढ़ाई की।

उन्हें 1990 में केलानिया विश्वविद्यालय नेउनके शोध प्रबंध मध्यकालीन सिंहली में विधि दर्शन के लिए पीएचडी की उपाधि प्रदान की। उनकी पहली पुस्तक मिरिडिया जीविहु (मीठे पानी का जीवन) है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद

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