छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कृत्रिम गर्भाधान से पैदा हुई सबसे महँगी पुंगनूर नस्ल की मादा बछिया

15 Nov 2025 21:40:01
जशपुर जिले में पुंगनूर नस्ल की एक मादा बछिया का जन्म


प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी के साथ पुंगनूर गाय,फाइल फोटो


जशपुर /रायपुर, 15 नवंबर (हि.स.)।छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पुंगनूर नस्ल की एक मादा बछिया का जन्म हुआ है, जो दुनिया की सबसे छोटी गाय की नस्लों में से एक है। यह बछिया कृत्रिम गर्भाधान से पैदा हुई है। यह जानकारी आज जशपुर जिला के सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी के.के. पटेल ने दी है। उन्होंने बताया कि लगभग 284 दिनों के गर्भकाल के बाद 11 नवंबर 2025 की सुबह गाय ने एक पूरी तरह स्वस्थ पुंगनूर नस्ल की मादा बछिया को जन्म दिया।

ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ इस गाय की तस्वीर कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में बेहद लोकप्रिय हुई है।पुंगनूर गाय की नस्ल डेढ़-दो लाख से 8-10 लाख रुपये की मिलती है।

पशु चिकित्सालय पत्थलगांव में पदस्थ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के.के. पटेल ने गोढ़ीकला निवासी किसान खगेश्वर यादव की देशी गाय में पुंगनूर नस्ल के सांड के हिमकृत वीर्य द्वारा कृत्रिम गर्भाधान कराया था। गर्भाधान के सफल परिणामस्वरूप गाय ने एक स्वस्थ मादा बछिया को जन्म दिया। यह उपलब्धि जशपुर जिले में पशुधन संवर्धन के इतिहास में एक उल्लेखनीय पड़ाव मानी जा रही है।

इस सफलता पर डॉ. बी.पी. भगत ने सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी के.के. पटेल और किसान खगेश्वर यादव को सम्मानित किया। उन्होंने आज कहा कि यह उपलब्धि न केवल पत्थलगांव बल्कि पूरे जशपुर जिले के लिए गर्व का विषय है। इससे वैज्ञानिक तकनीकों के माध्यम से नस्ल सुधार और पशुधन विकास को नई दिशा मिलेगी।

डॉ. भगत ने बताया कि पुंगनूर गाय छोटे आकार, कम देखभाल, आसान पालन और पौष्टिक दूध के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अत्यंत उपयोगी है।यह नस्ल मूल रूप से आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में पाई जाती है और इसकी औसत ऊंचाई लगभग 70 से 90 सेंटीमीटर होती है। इसके जन्म से जिले में पशुधन संवर्धन और आर्थिक विकास के नए अवसर खुलेंगे।यह दुनिया की सबसे छोटी गायों में से एक है। इसकी औसत ऊँचाई लगभग 70-90 सेंटीमीटर होती है और वज़न 115-200 किलोग्राम के बीच होता है।

उच्च वसा वाला दूध पुंगनूर गाय का दूध पोषक तत्वों और वसा से भरपूर होता है। इसमें 8 प्रतिशत तक वसा हो सकती है, जबकि सामान्य गायों के दूध में यह मात्रा 3-5प्रतिशत होती है। इसके दूध में ए 2 बीटा-कैसीन प्रोटीन होता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। इसके मूत्र में एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं, जिनका उपयोग किसान फसलों की सुरक्षा के लिए करते हैं। अपनी दुर्लभता और औषधीय गुणों के कारण इसकी कीमत और दूध की कीमत ₹600 प्रति लीटर से 2000 रुपये तक होती है, जो इसे डेयरी व्यवसाय के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है।इसके मूत्र में भी एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिसका उपयोग किसान खेतों में छिड़काव के लिए करते हैं। इन विशेषताओं के कारण पुंगनूर गाय को काफी खास माना जाता है और इसकी मांग भी अधिक है।

हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा

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