
सूरत, 15 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां एक सभा में कहा कि बिहार के लोगों को राजनीति सिखाने की जरूरत नहीं होती, बल्कि उनमें दुनिया को राजनीति समझाने की क्षमता है। बिहार की प्रतिभा देश और दुनिया के हर क्षेत्र में चमक रही है और इसी क्षमता ने हाल के बिहार चुनाव में एनडीए की ऐतिहासिक जीत को संभव बनाया।
प्रधानमंत्री ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद सूरत हवाई अड्डे पर बिहार मूल के लोगों की जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि वे सूरत से बिहार के लोगों को बधाई दिए बिना आगे बढ़ जाते, तो यह यात्रा अधूरी रह जाती। उन्होंने कहा, “गुजरात में रहने वाले और विशेष रूप से सूरत में बसे मेरे बिहारी भाइयों का यह अधिकार है कि इस विजयोत्सव में मैं स्वयं आप सबके बीच उपस्थित रहूं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के लोगों से उनका भावनात्मक रिश्ता नया नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत का हर राज्य, हर कोना और हर भाषा-भाषी नागरिक उनके लिए पूजनीय है। उन्होंने कहा, “बिहार की गौरवगाथा, बिहार की प्रतिभा और बिहार का सामर्थ्य, हमारे लिए गर्व का विषय है।”
उन्होंने गुजरात की मीडिया से कहा कि वे शोध करें तो पाएंगे कि जब बिहार ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे किए थे, तब गुजरात सरकार ने भी बिहार की शताब्दी पूरे सम्मान और उत्साह के साथ मनाई थी। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता राजनीति को समझाने की जरूरत नहीं रखती, बल्कि उसमें दुनिया को राजनीति समझाने की क्षमता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चुनाव में एनडीए ने महागठबंधन को बड़े अंतर से हराकर यह सिद्ध कर दिया कि बिहार के मतदाताओं ने विकास के मुद्दे पर एकतरफा मतदान किया है। उन्होंने कहा, “बिहार में विकास की भूख स्पष्ट दिखाई देती है। कोविड काल में भी राज्य के लोगों ने कठिन दौर का उपयोग उद्यम शुरू करने में किया। यही बिहार की असली शक्ति है। जहां भी जाएंगे, बिहार की प्रतिभा चमकती मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि बिहार आज दुनिया भर में अपनी क्षमता और कौशल के दम पर छाया हुआ है। हाल के चुनावों ने दिखा दिया है कि बिहार अब विकास की नई ऊंचाइयों को छूने का मन बना चुका है। महिला और युवा मतदाताओं का मजबूत संयोजन भविष्य की राजनीति की नई नींव निर्मित कर चुका है।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर जातिवाद फैलाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में कुछ जमानत पर बाहर चल रहे नेता बिहार में जातिवाद का जहर फैलाने में जुटे थे, लेकिन बिहार की जनता ने इस जहरीली राजनीति को पूरी तरह नकार दिया। उन्होंने कहा, “यह देश के लिए अत्यंत उज्ज्वल संदेश है कि भारत अब जातिवाद की दीवारें गिराकर विकास की राह पर आगे बढ़ना चाहता है।”
वक़्फ़ संपत्तियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में अक्सर सार्वजनिक जमीन को अतिक्रमण द्वारा वक़्फ़ संपत्ति घोषित कर दिया जाता था। तमिलनाडु में भी ऐसी ही घटनाएं देखी गईं। उन्होंने कहा, “हमने वक़्फ़ कानून में सुधार किए, लेकिन एक जमानती नेता और उसके साथी इस कानून की प्रतियां फाड़कर कहते थे कि वे बिहार में इसे नहीं चलने देंगे। बिहार के मतदाताओं ने इस सांप्रदायिक ज़हर को भी पूरी तरह ठुकरा दिया।”
उन्होंने बिहार विधानसभा में पिछले दो वर्षों में हुई अभद्र भाषा और असंसदीय बर्ताव का संदर्भ देते हुए कहा कि नीतीश कुमार के प्रति अपमानजनक भाषा का उपयोग किया गया, जिसे देश की जनता न स्वीकारती है, न लोकतंत्र इसे स्वीकार कर सकता है। उन्होंने दलित प्रभाव वाली 38 सीटों में से 34 सीटें एनडीए द्वारा जीतने का उल्लेख किया और कहा कि दलित समाज ने झूठ फैलाने वालों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार किया है।
कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए मोदी ने कहा कि मुस्लिम लीगी–माओवादी कांग्रेस को देश पहले ही नकार चुका है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के भीतर भी एक बड़ा वर्ग नामदार नेतृत्व की कार्यशैली से दुखी है और पार्टी की वर्तमान स्थिति से निराश है। उन्होंने कहा, “विपक्ष अपनी हार का कारण खुद नहीं समझ पा रहा है और आसान रास्ता चुनकर ईवीएम, चुनाव आयोग और मतदाता सूची को दोष दे रहा है।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि संसद में युवा कांग्रेस और इंडी गठबंधन के सांसद उनसे मिलकर यह चिंता व्यक्त करते हैं कि उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता क्योंकि उनके नेता हर विषय पर “संसद को ताला लगा दो” की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा, “वे अपने ही मतदाताओं को जवाब नहीं दे पाते, इसलिए उनकी बेचैनी बढ़ रही है।”
मोदी ने कहा कि ऐसे समय में एनडीए की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, “हमें विकसित भारत के संकल्प को पूरा करना है। स्वदेशी, आत्मनिर्भर भारत और विकासित भारत जैसे शब्द विपक्ष के मुंह से नहीं निकलते, क्योंकि उनकी प्राथमिकता देश नहीं है।”प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि बिहार और गुजरात दोनों की जनता जानती है कि उनकी पार्टी का मूल मंत्र राष्ट्र का विकास है। उन्होंने कहा, “हमारा मिशन हमेशा भारत का विकास रहा है और इसी संकल्प के साथ हम आगे बढ़ते रहेंगे।”
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार