कीव, 15 नवंबर (हि.स.)। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश के ऊर्जा क्षेत्र में फैले बड़े भ्रष्टाचार कांड के बाद राज्य-स्वामित्व वाली ऊर्जा कंपनियों में व्यापक सुधार की घोषणा की है। रूसी हमलों से पहले ही जूझ रहे इस क्षेत्र में लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की हेराफेरी का खुलासा होने के बाद देश में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
एंटी-ग्राफ्ट एजेंसियों ने बताया कि यह धनराशि ऊर्जा क्षेत्र से गबन की गई थी, जबकि रूसी हमलों ने यूक्रेन के कई हिस्सों में गंभीर बिजली संकट पैदा कर रखा है। कांड के बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में दो मंत्रियों के इस्तीफे का आदेश दिया और उस पूर्व कारोबारी सहयोगी पर प्रतिबंध लगाया जिसे इस घोटाले का मुख्य साज़िशकर्ता बताया गया है।
जेलेंस्की ने सामाजिक मंच 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, “हम ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख राज्य-स्वामित्व वाली कंपनियों में सुधार की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। इनके वित्तीय लेनदेन की पूरी तरह से जांच की जाएगी और प्रबंधन ढांचे को नया रूप दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि राज्य परमाणु कंपनी एनरगोटॉम के लिए एक नया पर्यवेक्षण बोर्ड एक सप्ताह के भीतर गठित किया जाएगा, जिससे कंपनी के प्रबंधन की “पूरी तरह से पुनर्रचना” सुनिश्चित होगी।
इसके अलावा, यूक्रहाइड्रोएनर्जो (हाइड्रोपावर कंपनी) के नए प्रमुख की जल्द नियुक्ति और तेल-गैस कंपनी नाफ्तोगाज तथा गैस ऑपरेटरों में अन्य अहम सुधारों का भी निर्देश दिया गया है।
जेलेंस्की ने कहा कि सरकार एंटी-करप्शन एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा, “मैंने अधिकारियों को कानून प्रवर्तन और भ्रष्टाचार निरोधक संस्थाओं के साथ लगातार और सार्थक संवाद बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। ऊर्जा क्षेत्र में पारदर्शिता और ईमानदारी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
इस घोटाले के बाद यूक्रेन के कई यूरोपीय सहयोगियों ने सरकार से भ्रष्टाचार पर और कड़े कदम उठाने की मांग की है।
-----------------
हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय