बांग्लादेश में काकद्वीप के मछुआरे की मौत, परिवार ने जेल में यातना देने का आरोप जड़ा

16 Nov 2025 10:00:01
किशोर ने की आत्महत्या


दक्षिण 24 परगना (पश्चिम बंगाल), 16 नवंबर (हि.स.)। भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय जलसीमा पार करने के आरोप में बांग्लादेश की जेल में बंद काकद्वीप के मछुआरे बाबुल दास उर्फ बोबा की मौत हो गई। यह सूचना शनिवार को उनके परिजनों को प्राप्त हुई। परिवार ने आरोप लगाया है कि जेल में उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। इस कारण उनकी मृत्यु हुई। हालांकि बांग्लादेश हाई कमीशन ने प्रारंभिक जानकारी के आधार पर बताया है कि उनकी मृत्यु हृदयाघात से हुई है।

बताया गया है कि इस साल 13 जुलाई को दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप से ‘एफबी मंगलचंडी-38’ और ‘एफबी झड़’ नामक दो ट्रॉलर गहरे समुद्र में मछली पकड़ने निकले थे। इस दौरान दोनों ट्रॉलर बांग्लादेश की जलसीमा में प्रवेश कर गए, जिसके चलते बांग्लादेश नौसेना ने 34 भारतीय मछुआरों सहित उन्हें गिरफ्तार कर मोंगला पोर्ट थाना पुलिस के हवाले कर दिया। 15 जुलाई को बागेरहाट अदालत ने सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

मृतक के भाई बसुदेव दास ने बताया कि हारवुड प्वाइंट तटीय थाना से उन्हें सबसे पहले मृत्यु की सूचना मिली। बाद में बांग्लादेश हाई कमीशन ने भी इसकी पुष्टि की। बसुदेव ने कहा कि उनके भाई को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी और वह पूर्णतः स्वस्थ थे। परिवार का आरोप है कि जेल में मारपीट या प्रताड़ना के कारण उनकी मौत हुई। परिजन ने शव को काकद्वीप लाकर पुनः पोस्टमार्टम कराने की मांग की है। वहीं, इस घटना ने सीमा पार मछुआरों की सुरक्षा और उनके साथ होने वाले व्यवहार को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

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