
नई दिल्ली, 16 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग के ई-जागृति प्लेटफॉर्म ने इस साल अब तक 2.75 लाख से ज्यादा लोग जोड़े हैं, जिनमें 1388 एनआरआई भी शामिल हैं। इस साल 13 नवंबर तक पोर्टल पर कुल 1,30,550 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 1,27,058 निपटाई जा चुकी हैं।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार इस साल जुलाई–अगस्त में 27,545 मामले निपटाए गए जबकि 27,080 नए मामले दर्ज हुए। सितंबर–अक्टूबर में 24,504 मामले निपटाए गए और 21,592 नए दर्ज हुए। यह 2024 की तुलना में तेज निपटान दिखाता है। एनआरआई ने बीमा दावे और उत्पाद दोष जैसे विवाद बिना भारत आए ही सुलझाए।
इस प्लेटफार्म के जरिये असम के मोरिगांव में ऑनलाइन कोर्स घोटाले में 25 दिनों में उपभोक्ता को 3.05 लाख रुपये की वापसी और 2.5 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा मिला। त्रिपुरा में आठ साल पुराने खराब एलजी फ्रिज के मामले में उपभोक्ता को 1.67 लाख रुपये से ज्यादा का मुआवजा मिला।
मंत्रालय ने बताया कि एनआरआई भी भारत आए बिना अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं और डिजिटल या ऑफलाइन तरीके से शुल्क भर सकते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी से इस साल 466 शिकायतें दर्ज की गई हैं। प्लेटफॉर्म की बहुभाषी सुविधा, वॉइस टू टेक्स्ट और चैटबोट जैसी मदद से वृद्ध और दृष्टिहीन लोग भी आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
भारत में ई-जागृति ने पुराने सिस्टम जैसे ओसीएमएस, ई-डाखिल, एनसीडीआरसी सीएमएस और कॉन्फोनेट को जोड़कर एक आसान इंटरफेस बनाया है। गुजरात, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल हुआ। वकील दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं, केस ट्रैक कर सकते हैं और अलर्ट पा सकते हैं, जबकि न्यायाधीश डिजिटल फाइलें और वर्चुअल कोर्टरूम के जरिए सुनवाई करते हैं।
यह प्लेटफॉर्म शिकायत दर्ज करना आसान बनाता है, कागजी कामकाज और यात्रा की जरूरत कम करता है और वर्चुअल सुनवाई और रियल टाइम ट्रैकिंग से उपभोक्ताओं को जल्दी निपटान मिलता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर