
कोयंबटूर, 17 नवंबर (हि.स.)। दक्षिण भारतीय जैविक कृषि महासंघ की ओर से इस महीने 19, 20 और 21 नवंबर को तमिलनाडु के कोयंबटूर शहर स्थित कोडिसिया परिसर में तीन दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सम्मेलन में भाग लेंगे।
तमिलनाडु के सभी किसान संघों की समन्वय समिति के अध्यक्ष पीआर पांडियन ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी विशेष अतिथि के रूप में भाग लेंगे। वह इन 50 कृषि वैज्ञानिकों के साथ एक अलग हॉल में चर्चा करेंगे। तीन दिवसीय सम्मेलन में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पांडिचेरी सहित विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक किसानों के भाग लेने की उम्मीद है। इस सम्मेलन में मृदा उर्वरता, जैविक खेती और मृदा उर्वरता में सुधार पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में विभिन्न प्रस्तावों को पारित किया जाएगा और ये प्रस्ताव प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी से दुनिया भर के लोगों में जैविक खेती के प्रति जागरूकता पैदा होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने जैविक किसानों को प्राथमिकता देने के लिए इस सम्मेलन के आयोजन की व्यवस्था की है।
तमिलनाडु में केवल दस प्रतिशत जैविक खेती होती है। जैविक होने का दावा करने वाली दुकानों में जैविक उत्पाद बेचे जा रहे हैं। जनता को इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ज़हर और रसायनों से खेती करने से कई तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं, इसलिए भविष्य में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Vara Prasada Rao PV