(अपडेट) सोनभद्र खनन हादसा : अब तक छह शव बरामद, श्रम मंत्री ने घटनास्थल पर पहुंच कर लिया जायजा

17 Nov 2025 20:17:00
श्रम मंत्री अनिल राजभर


मलबे में दबे लोगों को निकालना सरकार व प्रशासन की प्राथमिकता: श्रम मंत्रीपांच शवों की हो चुकी है पहचान, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ का रेस्क्यू अभियान जारी

सोनभद्र, 17 नवंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में जनपद सोनभद्र के ओबरा बिल्ली मारकुंडी खदान क्षेत्र में बीते शनिवार को ड्रिलिंग के दौरान हुए हादसे में अब तक छह शव निकाले जा चुके हैं। मलबे में अभी भी कई मजदूरों के दबने की आशंका पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व जिला प्रशासन की टीम राहत बचाव कार्य में जुटी है। सोमवार को यूपी सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने घटनास्थल पहुंच कर जायजा दिया।

ओबरा थाना क्षेत्र में शनिवार को पत्थर खदान में पहाड़ी धसकने से मलबे में एक दर्जन मजदूरों के दबे होने की सूचना पर राज्य के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर मौके पर पहुंचे। मंत्री ने घटनास्थल पर जिला प्रशासन के नेतृत्व में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमों के चलाए गए राहत कार्य का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मलबा से एक और बरामद किया गया है। अभी तक छह शव बरामद किए जा चुके हैं। अन्य लोगों की तलाशी के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सबसे अंत में मिले छठे शव की अभी पहचान नहीं हो सकी है। प्रशासन उसकी शिनाख्त कराने का प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन की प्राथमिकता सबसे पहले आपरेशन रेस्क्यू कर लोगों को निकालने की है। इसके लिए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ टीम अभियान चला रही हैं। उन्होंने कहा कि खदान में हुई घटना में लापरवाही व शिथिलता पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि यह घटना बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र के मेसर्स कृष्णा माइनिंग खदान में हुई है। रविवार को निकाले गए शव की शिनाख्त परसोई टोला निवासी राजू सिंह गोंड (40) के रूप की हुई है। इससे पहले चार शव निकाले गए थे, जिनकी पहचान सगे भाइयो में पनारी निवासी संतोष यादव (30), इंद्रजीत यादव (32) और कचनरवा निवासी रविंद्र उर्फ नानक (18), पनारी का रहने वाले राम खेलावन (32) के रूप में की गई थी। जिलाधिकारी ने बताया कि पहाड़ी से गिरे पत्थर काफी बड़े और गहराई में हैं, जिसे निकालने में काफी सावधानी बरतनी पड़ रही है। मौके पर मलबे को हटाने के लिए पर्याप्त उपकरण व संसाधन लगाए गये हैं। घटना के बाद से लगातार राहत बचाव कार्य जारी है। इसमें एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम की मदद ली जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पीयूष त्रिपाठी

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