
सूरत/नई दिल्ली, 18 नवंबर (हि.स.)। जल संरक्षण अभियान में सूरत जिले ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जलसंचय जनभागीदारी अभियान में उत्कृष्ट कार्य के लिए सूरत जिले को देश के टॉप 10 जिलों में शामिल किया गया है। सूरत ने राष्ट्रीय स्तर पर 10वां रैंक और 1 करोड़ रुपये का इनाम प्राप्त किया।
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित 6वें जल पुरस्कार एवं जलसंचय जनभागीदारी पुरस्कार वितरण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की प्रेरक उपस्थिति में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने सूरत के जिलाधिकारी डॉ. सौरभ पारधी और नायब जिला विकास अधिकारी (राजस्व) पियूष पटेल को पुरस्कार और चेक प्रदान किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न कैटेगरी के जल पुरस्कार प्रदान किए।
राष्ट्रीय स्तर पर सूरत जिले के प्रयासों की सराहना
देशभर में हुए जलसंचय अभियानों के मूल्यांकन में सूरत जिले को विशेष रूप से चुना गया। गुजरात से केवल सूरत जिला ही इस राष्ट्रीय सम्मान के लिए चयनित हुआ। वेस्ट ज़ोन की केटेगरी-2 में सूरत ने पहला स्थान प्राप्त किया।
सूरत की सफलता के प्रमुख कारण
सूरत जिले में जलसंचय कार्यों को प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित योजनाओं का बेहतर तालमेल किया गया:
-15वें वित्त आयोग
-मनरेगा
-सीएसआर फंड
-डीएमएफ
-जिला पंचायत स्व-भंडोल
-कलेक्टर फंड
इन सभी के बेहतर संयोजन के कारण कम खर्च में, तेज़ी से और गांवों तक व्यापक रूप से जलसंचय के कार्य संभव हुए।
‘जलमित्र’ पहल का बड़ा योगदान
ग्रामीण क्षेत्रों में लागू की गई ‘जलमित्र’ पहल ने जागरूकता बढ़ाने, स्थानीय भागीदारी बढ़ाने और अधिक जलसंचय कार्य करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
67 हजार से अधिक जलसंचय और वॉटर रिचार्ज यूनिट बनाए गए हैंः जिलाधिकारी
“यह पुरस्कार सूरत जिले की जनभागीदारी और प्रशासनिक समन्वय का परिणाम है। ‘जलमित्रों’ ने इस अभियान को एक ग्रामीण आंदोलन का रूप दिया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल के मार्गदर्शन में 67 हजार से अधिक जलसंचय और वॉटर रिचार्ज यूनिट बनाए गए हैं।”
इनमें शामिल हैं:
-बोर और कुओं के रिचार्ज स्ट्रक्चर,
-तालाबों को गहरा -करना,चेकडैम,
-रूफटॉप रेनवाटर सिस्टम,
-रिचार्ज पिट
ग्राम और शहर दोनों क्षेत्रों में जनता की भागीदारी से यह सफलता मिली है।
सूरत की जलसंचय जनभागीदारी की विशेष उपलब्धियां
-67,000 से अधिक जलसंचय संरचनाओं का निर्माण
-‘जलमित्र’ मॉडल से ग्राम स्तर पर जागरूकता और भागीदारी
-सरकारी योजनाओं, वित्त आयोग, CSR और सहकारी संस्थाओं का सहयोग
-‘जलमित्र’ मॉडल से ग्रामजन हुए जागरूक
गांवों में जनता को ‘जलमित्र’ बनाकर निम्नलिखित कार्यों के लिए प्रेरित किया गया:
-बोर–कुएं–रूफटॉप वाटर रिचार्ज
-नए तालाबों का निर्माण
-पुराने तालाबों का गहरीकरण
-नए चेकडैम
-चेकडैम की मरम्मत
विशेषकर बरसात के समय इन संरचनाओं का सही रखरखाव हो, ताकि लंबे समय तक लाभ मिलता रहे- यही ‘जलमित्र’ मॉडल का मुख्य उद्देश्य है।
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हिन्दुस्थान समाचार / यजुवेंद्र दुबे