श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को समर्पित चौथी नगर कीर्तन यात्रा का साढौरा से हुआ शुभारंभ

18 Nov 2025 21:08:01
श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को समर्पित चौथी नगर कीर्तन यात्रा के साढौरा से शुभारंभ समय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।


चंडीगढ़, 18 नवंबर (हि.स.)।हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के पावन अवसर पर हरियाणा के यमुनानगर जिले के सढौरा से चौथी पवित्र नगर कीर्तन यात्रा का भव्य शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुद्वारा ड्योढी साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष अरदास करते हुए श्री गुरु तेग बहादुर जी के तप-त्याग का संदेश जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने ऐच्छिक कोटे से गुरुद्वारा ड्योढी साहिब को 31 लाख रुपये देने की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुओं की तप-त्याग का संदेश और गौरवशाली इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार और हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष को भव्य स्तर पर मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने मानवता, धर्म और देश की रक्षा के लिए महान बलिदान दिया जिसे प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना आवश्यक है ताकि आने वाली पीढिय़ां इस प्रेरणादायक इतिहास से सीख ले सकें।

उन्होंने बताया कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के उपलक्ष्य में प्रदेशभर में चार पवित्र नगर कीर्तन यात्राएं निकाली जा रही हैं जो हरियाणा के सभी जिलों से गुजरेंगी। इन यात्राओं का समापन 24 नवंबर को कुरुक्षेत्र में होगा। अगले दिन, 25 नवंबर को श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर कुरुक्षेत्र में महा समागम का आयोजन होगा, जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। उन्होंने साध-संगत से निवेदन किया कि वे परिवार सहित कुरुक्षेत्र की पावन धरती पर पहुँचकर इस ऐतिहासिक महा समागम का हिस्सा बनें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण करवाया गया, जिससे श्रद्धालुओं को पवित्र गुरु घर के दर्शन करने और अरदास का सौभाग्य प्राप्त हुआ। हरियाणा सरकार भी गुरुओं और महापुरुषों की परंपरा, शिक्षा और त्याग को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

इस अवसर पर प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने भी साध-संगत को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमारे गुरुओं ने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए जो महान बलिदान दिया, हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाज और देश के लिए योगदान देना चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

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