दृष्टिबाधित पदक विजेता सौरभ शर्मा पहली बार अडानी अहमदाबाद मैराथन में उतरने को तैयार

18 Nov 2025 21:30:01
दृष्टिबाधित पदक विजेता सौरभ शर्मा


- 20 वर्षीय एथलीट ने 2024 वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री में जीते थे दो स्वर्ण

अहमदाबाद, 18 नवंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के 20 वर्षीय पैरा एथलीट सौरभ शर्मा के लिए आगामी अडानी अहमदाबाद मैराथन सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि उनके अब तक के संघर्ष, उपलब्धियों और आत्मविश्वास की लंबी यात्रा का प्रतीक है। दृष्टिबाधित वर्ग (T12) के धावक सौरभ भारत और विदेश में कई बड़े पैरा एथलेटिक्स इवेंट में हिस्सा ले चुके हैं। लेकिन इस मैराथन में उतरना उनके करियर का एक नया और भावनात्मक पड़ाव होगा।

आंशिक रूप से दृष्टिहीनता के साथ शुरू हुआ सफर

सौरभ ने अपनी खेल यात्रा देहरादून स्थित नेशनल दृष्टि दिव्यांगजन एम्पावरमेंट इंस्टीट्यूट से शुरू की, जहां उनके कोच नरेश सिंह नैयाल ने उन्हें फुटबॉल और क्रिकेट से दौड़ की ओर प्रेरित किया। उन्होंने बताया, “2021 में बेंगलुरु में पहली बार पैरा नेशनल्स में दौड़ा और टॉप-5 में जगह बनाई। 2022 में ओडिशा में 5000 मीटर में पहला मेडल जीता। 2024 में स्विट्जरलैंड में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय इवेंट खेला और वहां दो गोल्ड जीते—तब जाकर समझ आया कि यह सफर कितनी दूर जा सकता है।”

सौरभ 1500 मीटर और 5000 मीटर T12 कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। ट्यूनिशिया और भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उन्होंने दमदार प्रदर्शन किया है। खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 और 2025 में भी वह पदक जीत चुके हैं। वर्तमान में वह गांधीनगर स्थित साई (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) सेंटर में कोच नरेश शर्मा के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

गाइड रनिंग की चुनौतियां और आत्मनिर्भरता

सौरभ कहते हैं, “दृष्टिबाधित धावकों के लिए सबसे बड़ी मुश्किल गाइड मिलना और उसके खर्चे उठाना है, जो अक्सर दोगुने होते हैं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि अपनी कैटेगरी में स्वतंत्र रूप से दौड़ सकता हूं लेकिन 2022 में मैं खुद भी ब्लाइंड नेशनल चैंपियनशिप में अन्य धावकों का गाइड रहा हूं। तभी समझ आया कि इसमें भरोसा और अभ्यास कितना जरूरी है।”

साई सेंटर की सुविधाओं के बारे में उन्होंने कहा, “यहां अच्छी कोचिंग, पोषण और ट्रेनिंग का माहौल है, जिससे हम पूरी तरह प्रदर्शन और अंतरराष्ट्रीय तैयारी पर ध्यान दे पाते हैं।”

परिवार की समझ से लेकर समर्थन तक—एक बदला हुआ नजरिया

शुरुआत में खेल को लेकर परिवार में संदेह था। सौरभ बताते हैं, “घरवाले पूछते थे कि यह कौन-सा खेल है? लेकिन जैसे-जैसे मैंने प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और जीत हासिल की, वे मेरे सबसे बड़े सहायक बन गए।”

#Run4OurSoldiers अभियान से जुड़ना—सपना और सम्मान

इस महीने सौरभ हजारों धावकों के साथ मैराथन में उतरेंगे। 2017 में शुरू हुई अडानी अहमदाबाद मैराथन का मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों को सम्मान देना है।

सौरभ ने कहा, “मेरी बचपन की इच्छा थी कि मैं सेना में जाऊं, लेकिन दृष्टिबाधित होने के कारण यह संभव नहीं हो सका। ऐसे इवेंट का हिस्सा बनना, जो हमारे सैनिकों का सम्मान करता है, मेरे लिए बहुत खास है। यह मेरे अपने तरीके से योगदान देने जैसा है।”

------------------

हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

Powered By Sangraha 9.0