म्यांमार में ठगी के केंद्र बने साइबर कैफे, 346 विदेशी नागरिक गिरफ्तार

19 Nov 2025 13:48:01
म्यांमार-थाईलैंड मैत्री पुल द्वितीय के माध्यम से 317 अवैध विदेशी नागिरकों को निर्वासित किया गया। फोटो - द ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार


नेपीडॉ (म्यांमार), 19 नवंबर (हि.स.)। म्यांमार की सेना ने थाई सीमा पर एक साइबर कैफे पर छापा मारकर 346 लोगों को गिरफ्तार किया है। सेना ने कहा कि युद्धग्रस्त म्यांमार के सीमावर्ती क्षेत्रों में धोखाधड़ी के ऐसे केंद्र बड़े पैमाने पर फैले हुए हैं। इन केंद्रों में बैठे साइबर अपराधी दुनिया भर के इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को निशाना बनाते हैं। किसी को रोमांस के जाल में फंसाते हैं। किसी को रकम दोगुना करने प्रलोभन देकर ठग रहे हैं। यह लोग प्रतिवर्ष अरबों डॉलर की ठगी कर रहे हैं।

बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार ने म्यांमार के सरकारी समाचार माध्यम 'द ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार' की खबर के हवाले से अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार की सैन्य सरकार पर लंबे समय से इस मामले में आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया जाता रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के दबाव के बाद म्यांमार सरकार फरवरी से ऐसी कार्रवाई का ढिंढोरा पीट रही है। पिछले महीने से कार्रवाई में तेजी लाई गई है।

द ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार के अनुसार, म्यांमार की सेना ने कल सुबह जुआ और धोखाधड़ी के गढ़ श्वे कोक्को पर यह कार्रवाई की। इस अभियान के दौरान 346 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। इन सबके पास से लगभग 10 हजार मोबाइल फोन भी मिले हैं। अपराध विशेषज्ञों का कहना है कि 2021 में गृहयुद्ध छिड़ने के बाद से म्यांमार के सीमावर्ती इलाके साइबर अपराधियों के लिए उपजाऊ जमीन साबित हुए हैं। इनमें बहुत से लोग भोले-भाले होते हैं। उन्हें म्यांमार में नौकरी दिलाने का झांसा देकर दूसरे देशों से लाया जाता है।

इस नेटवर्क के बड़े हिस्से की कमान चीनी-कंबोडियाई रैकेटियर शी झिजियांग की याताई फर्म के पास है। यह फर्म श्वे कोक्को क्षेत्र में सक्रिया है। 2022 में थाईलैंड में गिरफ्तार किए गए शी झिजियांग को पिछले हफ्ते चीन प्रत्यर्पित किया गया है। वहां उस पर ऑनलाइन जुआ और धोखाधड़ी के मामलों में शामिल होने के आरोप हैं। शी और उसकी कंपनी पर ब्रिटिन और अमेरिका प्रतिबंध भी लगा चुके हैं। श्वे कोक्को म्यांमार-थाई सीमा पर स्थित एक गांव है। आज यह गांव जुआ, नशीली दवाओं की तस्करी, वेश्यावृत्ति और ठगी का सबसे बड़ा केंद्र है।

म्यांमार की सैन्य सरकार इस गांव की 600 से ज्यादा इमारतों को ध्वस्त करने में जुटी हुई है। अब तक 7,000 साइबर अपराध में संलग्न आरोपितों को उनके मूल देश वापस भेजा जा चुका है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशिया के लोगों को निशाना बनाकर उनसे 37 अरब डॉलर की ठगी की गई।

इस बीच म्यांमार से 317 विदेशी नागरिकों को उनकी सरकारों को सौंपा गया है। द ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें 269 भारतीय नागरिक, 31 लाओस के नागरिक, 16 वियतनामी नागरिक और एक दक्षिण कोरियाई नागरिक शामिल हैं। इन सभी ने म्यांमार में अवैध रूप से प्रवेश किया था और छुपते-छुपाते श्वे कोक्को गांव पहुंचे थे। इन सभी को म्यांमार-थाईलैंड मैत्री पुल द्वितीय के माध्यम से प्रत्यावर्तन कानूनी प्रक्रिया के अनुसार उनके मूल देश भेजा गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद

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