
नई दिल्ली, 19 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को यहां राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम (एनसीडीसी) की 92वीं महासभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद देश में सहकारिता क्षेत्र ने अभूतपूर्व प्रगति की है और एनसीडीसी इस परिवर्तन का मजबूत आधार बनकर उभरा है।
शाह ने बताया कि एनसीडीसी ने बीते चार वर्षों में सहकारी संस्थाओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को लगभग चार गुना बढ़ाते हुए वर्ष 2024-25 में 95,200 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है। वर्ष 2020-21 में यह आंकड़ा 24,700 करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि सहकारिता मॉडल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, आय तथा सहभागिता बढ़ाने का श्रेष्ठ माध्यम है और एनसीडीसी की 40 प्रतिशत से अधिक वार्षिक विकास दर, शून्य नेट एनपीए और 807 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड मुनाफे ने संस्था की विश्वसनीयता को और मजबूती दी है।
उन्होंने कहा कि डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र और विपणन क्षेत्रों में जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और राज्य विपणन संघों के माध्यम से एनसीडीसी ने महत्वपूर्ण कार्य किया है। साथ ही, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) को किसान उत्पादक संगठनों के रूप में विकसित करने की पहल किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में मदद कर रही है।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि जैविक खेती और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बहु-राज्य सहकारी संस्थाएं—एनसीईएल, बीबीएसएसएल और एनसीओएल—ग्रीन रिवॉल्यूशन के बाद के कृषि परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। वहीं, मछली पालन क्षेत्र में 1,070 एफएफपीओ को मजबूत किया गया है तथा प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के तहत 2,348 और एफएफपीओ पर कार्य जारी है।
शाह ने कहा कि महाराष्ट्र और गुजरात में गहरे समुद्र में मत्स्यन के लिए ट्रॉलर उपलब्ध कराने से ब्लू इकोनॉमी को गति मिली है और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है। साथ ही, उन्होंने चीनी मिलों और डेयरी क्षेत्र में सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि सरकार के एक हजार करोड़ रुपये के अनुदान के आधार पर एनसीडीसी ने 56 सहकारी चीनी मिलों को एथेनॉल संयंत्र, को-जन और कार्यशील पूंजी के लिए 10,005 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है।
उन्होंने बताया कि देश की पहली सहकारी टैक्सी सेवा ‘भारत टैक्सी’ शुरू करने में भी एनसीडीसी अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जिसके लिए नई बहु-राज्य सहकारी संस्था पंजीकृत की जा चुकी है और ड्राइवर पंजीकरण व तकनीकी विकास जारी है।
शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पूर्वोत्तर राज्यों और विजयवाड़ा में नए कार्यालय खोलकर एनसीडीसी ने अपने नेटवर्क का विस्तार किया है। 31 जुलाई को स्वीकृत दो हजार करोड़ रुपये के सरकारी अनुदान के आधार पर एनसीडीसी डेयरी, पशुपालन, मत्स्य, चीनी, वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण, कोल्ड स्टोरेज, कृषि तथा महिला सहकारी समितियों को रियायती दरों पर 20 हजार करोड़ रुपये के दीर्घकालिक और कार्यशील पूंजी ऋण उपलब्ध करा रहा है।
उन्होंने बताया कि सहकारी बैंकों को तकनीकी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सहकार सारथी और शहरी सहकारी बैंकों के संगठन को भी एनसीडीसी से महत्वपूर्ण सहयोग मिला है। युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘कोऑपरेटिव इंटर्न’ कार्यक्रम प्रभावी रूप से संचालित हो रहा है, जिसके माध्यम से प्रशिक्षु सहकारी संस्थाओं को तकनीकी और प्रबंधकीय सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
बैठक में विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों, प्रमुख सहकारी संस्थाओं और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कुल 51 सदस्य शामिल हुए। महासभा सहकारिता विकास, कृषि, ग्रामीण अधोसंरचना तथा संबद्ध क्षेत्रों के लिए वित्तीय नीतियों और दिशा-निर्देश तय करने वाली सर्वोच्च निकाय है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार