
बगदाद, 02 नवंबर (हि.स.)। इराक और तुर्किए ने रविवार को एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत तुर्किए की कंपनियां इराक में जल अवसंरचना (वॉटर इंफ्रास्ट्रक्चर) परियोजनाओं को अंजाम देंगी। इन परियोजनाओं का वित्तपोषण इराक के तेल निर्यात से होने वाली आय से किया जाएगा।
तुर्किए के एक अधिकारी ने बताया कि इस समझौते के तहत इराक सरकार एक विशेष “जल परियोजना समिति” का गठन करेगी, जो तुर्किए कंपनियों को निविदा आमंत्रण (बिड) जारी करेगी। परियोजनाओं के भुगतान के लिए आवश्यक धनराशि तुर्की को तेल बिक्री से प्राप्त राजस्व से दी जाएगी।
इराकी प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा कि यह समझौता पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच हुए जल सहयोग समझौते के कार्यान्वयन तंत्र (Implementation Mechanism) पर आधारित है। हालांकि, इस तंत्र के विस्तृत विवरण साझा नहीं किए गए।
इराक के जल संसाधन मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, इस समझौते के तहत शुरुआती चरण में तीन जल-संग्रहण बांध परियोजनाएं और तीन भूमि पुनर्वास (लैंड रिक्लेमेशन) परियोजनाएं शामिल की जाएंगी। इन परियोजनाओं का उद्देश्य देश में जल संरक्षण, सिंचाई व्यवस्था और कृषि उत्पादन को सुदृढ़ करना है।
दोनों देशों के बीच यह सहयोग ऐसे समय में हुआ है जब इराक में जल संसाधनों की कमी एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है। इराक की लगभग 70 प्रतिशत जल आपूर्ति पड़ोसी देशों से होती है, जिसमें से अधिकांश पानी तुर्किए से होकर आने वाली टिगरिस और यूफ्रेट्स नदियों से प्राप्त होता है।
इससे पहले, अप्रैल 2024 में तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन की बगदाद यात्रा के दौरान दोनों देशों ने जल प्रबंधन पर एक व्यापक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे अब इस नई परियोजना व्यवस्था के जरिए लागू किया जा रहा है।
यह समझौता तुर्किए और इराक के बीच वर्षों से चले आ रहे तनावपूर्ण जल विवादों में सुधार और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के विस्तार की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
-------------------
हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय