
काठमांडू, 20 नवंबर (हि.स.)। निर्वाचन आयोग ने चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर राजनीतिक नेताओं के खिलाफ गाली-गलौज और अपमानजनक टिप्पणियों पर रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। फेसबुक, यू-ट्यूब, टिकटॉक और एक्स के बढ़ते दुरुपयोग को लेकर चिंतित आयोग ने आचार संहिता के मसौदे में विशेष प्रावधान शामिल किया है। प्रस्तावित आचार संहिता के लागू होने पर उम्मीदवारों और राजनीतिक नेताओं को इससे राहत मिलने की उम्मीद है।
निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता नारायण भट्टराई ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ प्रावधान आचार संहिता में पहले से ही मौजूद हैं। नए प्रस्तावित मसौदे के अनुसार, सोशल मीडिया पर चुनाव को प्रभावित करने वाले, किसी को नीचा दिखाने वाले, अपमानजनक और घृणास्पद (हेट स्पीच) पोस्ट करना प्रतिबंधित होगा। केवल पोस्ट ही नहीं, बल्कि ऐसे कंटेंट को टैग करने, शेयर करने, उस पर टिप्पणी या प्रति कमेंट करने पर भी रोक रहेगी।
सरकारी, अर्धसरकारी, संघीय, प्रांतीय और स्थानीय स्तर के कर्मचारियों के लिए आचार संहिता को और अधिक कड़ा बनाया गया है। सुरक्षा कर्मियों को भी फेसबुक सहित सोशल मीडिया का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतनी होगी। आचार संहिता की धारा 8 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि “सुरक्षा कर्मियों को सोशल मीडिया पर किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार के पक्ष या विपक्ष में संदेश, सूचना, सामग्री पोस्ट या शेयर करने अथवा टिप्पणी लिखने की अनुमति नहीं होगी।” सरकारी, अर्धसरकारी, संघीय, प्रांतीय और स्थानीय निकायों के कर्मचारियों पर भी यही कठोर नियम लागू होंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास