

पणजी 20 नवंबर (हि.स.)। गोवा की राजधानी पणजी में कार्निवल परेड के साथ ही आठ दिन तक चलने वाला 56वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का गुरुवार को भव्य एवं रंगारंग परेड के साथ शुभारंभ हुआ।
पणजी नगर निगम जीएमसी भवन के बाहर मंच पर गोवा के राज्यपाल पूसापति अशोक गजपति राजू ने झंडी दिखाकर औपचारिक शुभारम्भ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केन्द्रीय राज्य मंत्री सूचना प्रसारण एवं संसदीय कार्य एल मुरुगन, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद यसो नाईक, गोवा सरकार के मंत्री, सांसद और विधायक मौजूद थे। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन सूचना प्रसारण सचिव संजय जाजू ने दिया। फिल्म महोत्सव के निदेशक शेखर कपूर और फिल्मकार अनुपम खेर भी मौजूद थे।
भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में पहली बार दर्शकों का एक गतिशील उत्सव के साथ स्वागत किया गया। ऐसा उत्सव जहां कहानियां चलती हैं, संगीत सांस लेता है, पात्र स्क्रीन से बाहर निकलते हैं, और भारत लय, रंग, गर्व और लुभावनी कल्पना के माध्यम से खुद को प्रकट करता है।
एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा कार्यालय से कला अकादमी तक निकली अपनी तरह की इस परेड ने गोवा की सड़कों को भारत की सिनेमाई और सांस्कृतिक प्रतिभा के जीवित कैनवास में बदल दिया।
परेड का अगुवाई आंध्र प्रदेश, हरियाणा और गोवा की शानदार राज्य झांकियों ने किया। आंध्र प्रदेश विशाखापट्टनम के सुनहरे तटों, अराकू की रहस्यमय घाटियों और टॉलीवुड की स्पंदनशील भावना का आकर्षण और हरियाणा लोककथाओं, रंगमंच, संस्कृति और सिनेमाई गौरव का एक रंगीन मिश्रण दिखाई दिया।
राज्यों के साथ मार्च के साथ देश के प्रमुख प्रोडक्शन हाउसों की भव्य सिनेमाई झांकियों ने-प्रत्येक कहानी कहने की उत्कृष्टता का एक गतिशील जगत साकार कर दिया। अखंडा 2 की पौराणिक शक्ति, राम चरण की पेड्डी की भावनात्मक गहराई, मिथ्री मूवी मेकर्स की रचनात्मक शक्ति, जी स्टूडियो की प्रतिष्ठित विरासत, होम्बेल फिल्म्स की वैश्विक दृष्टि, बिंदुसागर की ओडिया विरासत, गुरु दत्त को अल्ट्रा मीडिया की शताब्दी श्रद्धांजलि, और वेव्स ओटीटी का जीवंत कहानी कहने का क्षेत्र - सभी भारतीय सिनेमा की असीम विविधता का आकर्षण दिखाई दिया। इसी कड़ी में एक ऐतिहासिक आयाम, 'एनएफडीसी 50 साल' की झांकी थी, जिसमें फिल्म निर्माताओं के पोषण और देश भर में सिनेमाई नवाचार को बढ़ावा देने के पांच दशकों की परंपरा का भी प्रदर्शन किया गया।
भारत एक सुर है, प्रस्तुति में सोलह राज्यों के सौ से अधिक कलाकारों की विशेषता वाली एक मंत्रमुग्ध लोक सिम्फनी थी जिसमें भांगड़ा गरबा से मिलता है, लावानी घूमर में बहती है, बिहू छाऊ और नाटी के बगल में सांस लेता है, जिसका समापन एक तिरंगा नृत्य के साथ हुआ। भारत के प्रिय एनीमेशन पात्र - छोटा भीम और चुटकी, और मोटू पाटलू और बिट्टू बहानेबाज- हंसी, गर्मजोशी और चंचल भावना के साथ दर्शकों का अभिवादन करने आये।
कार्यक्रम में दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली की सदस्य, एवं विशिष्ट अतिथि सुश्री जेवोन किम भी मौजूद थीं, जिन्होंने दोपहर में वेव्स फिल्म बाजार के उद्घाटन समारोह में, राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के संपूर्ण एवं भावपूर्ण गायन से दर्शकों को आश्चर्यचकित कर उनके दिल को छू लिया। परेड में भी उन्होंने वंदेमातरम का एक अनुच्छेद गाकर सुनाया और राष्ट्रीय गीत की 150 वीं वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं। सूचना प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने सुश्री किम की, न केवल गायन के लिए बल्कि पूर्ण संस्करण गाने के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा की।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन बुधौलिया