भारत ने जेसीएम को बताया वैश्विक जलवायु कार्रवाई का अहम माध्यम

20 Nov 2025 10:18:01
भारत ने जेसीएम को बताया वैश्विक जलवायु कारवाई का अहम माध्यम


बेलेम (ब्राजील), 20 नवंबर (हि.स.)। भारत ने संयुक्त क्रेडिटिंग मकैनिजम (जेसीएम) को वैश्विक स्तर पर न्यायसंगत और बड़े पैमाने पर लागू किए जा सकने वाले जलवायु समाधान का महत्वपूर्ण साधन बताया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तनमंत्री भूपेन्द्र यादव ने यहां आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप-30) के दौरान जापान के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा आयोजित 11वीं जेसीएम भागीदार देशों की बैठक में यह बात कही। बैठक की अध्यक्षता जापान के पर्यावरण मंत्री हीरोताका इसिहारा ने की।

इसिहारा ने कहा कि जेसीएम साझेदार देशों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है और 280 से अधिक परियोजनाएं पेरिस समझौते के अनुच्छेद-6 के तहत चल रही हैं। यह सहयोग लम्बी अवधि वाले निवेश, क्षमता निर्माण और जलवायु लचीलापन परियोजनाओं में देशों की भागीदारी सुनिश्चित करेगा।

यादव ने कहा कि दुनिया जब बड़े पैमाने पर लागू हो सकने वाले, न्यायपूर्ण और तकनीक आधारित जलवायु समाधान खोज रही है, तब जेसीएम जैसे सहयोगी तंत्र अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने इसे भारत–जापान के भरोसे, तकनीकी सहयोग और सतत विकास की साझा प्रतिबद्धता पर आधारित मजबूत साझेदारी का प्रतीक बताया। भारत और जापान के बीच इसी साल सात अगस्त को हुए समझौता पत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जेसीएम अनुच्छेद-6 के अनुरूप कार्य करता है और सरकारों तथा निजी क्षेत्र को संयुक्त रूप से उत्सर्जन कटौती परियोजनाएं विकसित करने, वित्त जुटाने, उन्नत तकनीक लगाने और पारदर्शिता के साथ उत्सर्जन में हुई कमी को साझा करने का ढांचा प्रदान करता है।

यादव ने कहा कि जेसीएम से भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान और दीर्घकालिक निम्न उत्सर्जन विकास रणनीति को प्रत्यक्ष लाभ होगा। स्वीकृत कम कार्बन तकनीकें भारत के लम्बे समय के लक्ष्यों को प्रोत्साहित करेंगी और उन्नत तकनीकों के स्थानीयकरण में मदद करेंगी। उन्होंने कहा कि भारत में जेसीएम के क्रियान्वयन ढांचे का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। अनुच्छेद-6 के लिए राष्ट्रीय नामित एजेंसी द्वारा नियम और गतिविधि चक्र दस्तावेज अंतिम चरण में हैं। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारतीय कार्बन बाजार पोर्टल विकसित कर रहा है, जिसमें जेसीएम और अन्य सहयोगी तंत्रों के लिए अलग खंड होगा, जो पारदर्शिता और परियोजना सुविधा सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने कहा कि जेसीएम गतिविधियां नवीकरणीय ऊर्जा और भंडारण, सतत विमान ईंधन, बायोगैस, हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया तथा स्टील, सीमेंट और रसायन जैसे कठिन क्षेत्रों में सर्वोत्तम तकनीकों पर केंद्रित होंगी। ये सभी भारत की विकास प्राथमिकताओं से मेल खाती हैं और सहयोग के नए अवसर प्रदान करती हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर

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