नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 30 नवंबर तक मिल सकता है एयरोड्रम लाइसेंस, अपर मुख्य सचिव ने की बैठक

युगवार्ता    20-Nov-2025
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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 30 नवंबर तक मिल सकता है एयरोड्रम लाइसेंस, अपर मुख्य सचिव ने की बैठक


नोएडा, 20 नवंबर (हि.स.)। नोएडा एयरपोर्ट के उद्घाटन के साथ ही दिसंबर में कॉमर्शियल फ्लाइट शुरू करने के लिए कवायद तेज हो गई है। यूपी सरकार में अपर मुख्य सचिव (नागरिक उड्डयन) दीपक कुमार की मौजूदगी में गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक में 30 नवंबर तक एयरोड्रम लाइसेंस हासिल करने की बात हुई है। इसके लिए 24 नवंबर को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सेफ्टी (बकास) संपूर्ण सेवाओं के लिए सुरक्षा जांच नोएडा एयरपोर्ट पर करेगा। कार्गो सेवा के लिए बकास पहले ही सर्टिफिकेट नोएडा एयरपोर्ट को दे चुका है। गुरुवार को नोएडा एयरपोर्ट पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में यमुना प्राधिकरण के अलावा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड-नायल, महानिदेशक नागरिक उड्डयन- डीजीसीए, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) और बकास के अधिकारी भी शामिल हुए। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि बैठक का उद्देश्य एयरपोर्ट के कॉमर्शियल ऑपरेशन के लिए तैयार होने के लिए जरूरी सभी बिंदुओं पर विमर्श करना था। इस दौरान कुछ मुद्दे उठे जिनका निस्तारण कर दिया गया है। डीजीसीए दो दिन से अपना ट्रायल कर ही रहा है। सुरक्षा से जुड़े जो नए उपकरण आए हैं, उनकी भी टेस्टिंग डीजीसीए और बकास की टीमें कर रही हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट कहा है कि एयरोड्रम लाइसेंस के लिए जो भी औपचारिकताएं हैं। उन्हें प्राथमिकता पर पूरा कर लिया जाए। बैठक में यह तय किया गया कि बकास अपना ट्रायल 24 नवंबर को पूरा करेगा। यह ट्रायल सफल रहा तो डीजीसीए एक सप्ताह के अंदर एयरोड्रम लाइसेंस जारी कर देगा। एयरोड्रम लाइसेंस जारी होते ही एयरलाइंस अपनी टिकट बुकिंग शुरू कर पाएंगीं। वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय को भी उद्घाटन की तारीख तय करने के लिए संपर्क किया जाएगा। बैठक के दौरान इंडिगो और अकासा एयर के अधिकारी भी मौजूद रहे। उनको भी अपनी तैयारियां तेज करने और उड़ानों को शुरू करने के लिए कहा गया है। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने एयरपोर्ट पर अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। उन्होंने उद्घाटन की तैयारियां देखीं। इस दौरान वह डोमेटिस्क और इंटरनेशनल दोनों ही लाउंज पर गए। कार्गो सेवा के लिए भी बन रहे हब के बारे में उन्होंने जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि ऑपरेशन की तैयारियों को चेक करने के लिए लगातार मॉक ट्रायल किए जा रहे हैं। इसमें यात्रियों के रूप में कर्मचारी और उनके परिवार के लोगों को सामान के साथ यहां बुलाया जाता है। इससे बोर्डिंग, डी-बोर्डिंग जैसी प्रक्रिया की उचित तरीके से जांच हो पाती है। उन्हें बताया गया कि रनवे का उपयोग, सुरक्षा क्षेत्रों का अनुपालन, टैक्सीवे, एप्रन, पर्याप्त लाइटिंग, नेविगेशन सिस्टम, मौसम व उड़ान से जुड़ा डेटा का सर्वर के साथ लिंक जैसी तैयारियां पूरी हो गई हैं। सुरक्षा से जुड़े उपकरण भी यहां लग गए हैं। सीआईएसएफ एयरपोर्ट की सुरक्षा को संभाल चुकी है। डीजीसीए ने 31 अक्तूबर और चार नवंबर को फ्लाइट कैलिब्रेशन टेस्ट किया था। इसके लिए विमान लैंडिंग और टेक ऑफ के अलावा रनवे पर लगे उपकरणों की जांच की थी। इस टेस्ट में एयरपोर्ट पास हो चुका है। ---------------

हिन्दुस्थान समाचार / सुरेश चौधरी

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