

- मुख्यमंत्री ने की बलिदान के छोटे भाई को एसआई की नौकरी और परिवार को एक करोड़ रुपये देने की घोषणाभोपाल, 20 नवंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान में बहादुरी से मुकाबला करते हुए बलिदान हुए मध्य प्रदेश के बालाघाट में पदस्थ हॉक फोर्स के निरीक्षक आशीष शर्मा का गुरुवार को उनके पैतृक गांव नरसिंहपुर जिले के ग्राम बोहानी में राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार हुआ।
परिजनों ने उनकी पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने उन्हें कंधा दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर बलिदानी आशीष शर्मा के छोटे भाई को सब इंस्पेक्टर बनने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सारे नियमों को शिथिल करते हुए छोटे भाई को एसआई बनाया जाएगा। इसके साथ ही परिवार को एक करोड़ की सम्मान निधि दी जाएगी और आशीष शर्मा के नाम पर गांव में एक पार्क और स्टेडियम बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि हॉक फोर्स निरीक्षक आशीष शर्मा बुधवार को छत्तीसगढ़ के बोरतलाव-कुर्रेझर,के घने जंगलों में नक्सल-विरोधी अभियान एवं मुठभेड़ के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की संयुक्त टीम के इस महत्त्वपूर्ण ऑपरेशन में उन्होंने अदम्य साहस और असाधारण नेतृत्व का परिचय दिया। एंटी नक्सल ऑपरेशन डीजी पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि बुधवार को मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ ने जॉइंट ऑपरेशन चलाया था। तीनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्र के बोर तालाब के पास नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। पुलिस के पहुंचने पर नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। तीनों टीम को लीड कर रहे इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को गोली लग गई। उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गुरुवार को दोपहर को बलिदानी आशीष शर्मा का पार्थिव शरीर नरसिंहपुर में उनके गृहग्राम बोहानी लाया गया। घर में उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा मुक्तिधाम के लिए निकाली गई। लोगों ने घरों की छतों पर खड़े होकर शहीद पर फूल बरसाए। बलिदानी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और उदय प्रताप सिंह पहुंचे। मप्र कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी बलिदानी जवान को श्रद्धांजलि दी।
गृह ग्राम पहुंचने से पहले बालाघाट में बलिदानी की श्रद्धांजलि यात्रा निकाली गई। दोपहर में उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा। परिजन रो-रोकर बेहाल था। गांव में माहौल गमगीन था। शहीद को अंतिम विदाई देने करीब 5000 से ज्यादा लोग पहुंचे। लोगों ने भारत माता की जय और अमर रहे के नारे लगाए।
वर्ष 2018 में आशीष प्रतिनियुक्त पर हॉक फोर्स में हुए थे सम्मिलित नरसिंहपुर जिले के ग्राम बोहानी में 21 फरवरी 1994 को जन्मे निरीक्षक आशीष शर्मा ने बीएससी के बाद 04 अप्रैल 2016 को मध्य प्रदेश पुलिस में अपनी सेवाएँ प्रारंभ कीं। उनकी मूल इकाई 25वीं वाहिनी विसबल, भोपाल रही। वर्ष 2018 में वे प्रतिनियुक्त पर हॉक फोर्स में सम्मिलित हुए और तभी से लगातार नक्सल-विरोधी अभियानों की अग्रिम पंक्ति में वे सक्रिय रहे। हर्राटोला मुठभेड़ में उनकी उल्लेखनीय भूमिका के आधार पर उन्हें उप निरीक्षक से निरीक्षक पद पर क्रम पूर्व पदोन्नति प्रदान की गई। कर्तव्य पालन के दौरान उनकी असाधारण बहादुरी को दो बार वीरता पदक से भी सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें दुर्गम सेवा पदकतथा आन्तरिक सेवा पदक भी प्राप्त हुए। हर्राटोला, कदला और रौंदा (19 फरवरी 2025) जैसी अहम मुठभेड़ों में उनकी मुख्य भूमिका थी। उनका नेतृत्व, परिस्थितियों के आंकलन की क्षमता और जोखिम उठाने का संकल्प उन्हें बल की सक्रिय इकाइयों में विशेष पहचान दिलाता था। सेवा के दौरान उन्हें कई प्रशंसा, ईनाम आदेशों तथा पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
निरीक्षक आशीष शर्मा संवेदनशील, अनुशासित एवं साहसी अधिकारी थे। टीम भावना, विनम्र व्यवहार, त्वरित निर्णय क्षमता और फील्ड में सक्रिय नेतृत्व ने उन्हें अपने साथियों के बीच उल्लेखनीय स्थान दिलाया। उन्होंने अपने आचरण और कार्यशैली से हॉक फोर्स के मूल्यों को और अधिक दृढ़ता और विशिष्टता भी प्रदान की। नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय प्रयासों में उनका सर्वोच्च बलिदान सदैव अमर रहेगा। मध्य प्रदेश पुलिस परिवार ने इस दुखद घड़ी में अपने वीर अधिकारी को श्रद्धापूर्वक नमन किया है और उनके पिता देवेंद्र शर्मा एवं अन्य परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएँ भी व्यक्त की है।______________
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर