
छत्तीसगढ़, उड़ीसा और झारखंड के बीच सांस्कृतिक और पारिवारिक रिश्ते सदियों से जुड़े रहे हैं
अंबिकापुर, 20 नवंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिला मुख्यालय अंबिकापुर में गुरुवार को जनजातीय गौरव दिवस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने
कहा कि आदिवासी संस्कृति बेहद समृद्ध और सुंदर है, इसे और अधिक प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर चुका है और राज्य के विकास में जनजाति समाज की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कहा कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होना उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, उड़ीसा और झारखंड के बीच सांस्कृतिक और पारिवारिक रिश्ते सदियों से जुड़े रहे हैं। रोटी और बेटी के इस संबंध ने इन राज्यों की जनजातीय परंपराओं को और मजबूत किया है। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों के जनजातीय समाज ने अपनी विरासत को संजोकर रखा है, जिसके लिए वह विशेष रूप से आभार व्यक्त करती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि वह स्वयं जनजातीय समुदाय से आती हैं और अपनी संस्कृति को पहले भी जीती थीं और आज भी उसी गर्व के साथ जी रही हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति बेहद समृद्ध और सुंदर है, जिसे और अधिक प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों में शामिल होकर उन्हें जनजातीय परिवारों और विशेषकर महिलाओं से मिलकर आत्मीयता महसूस होती है। उन्होंने ज़ोर दिया कि शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, जंगल और जमीन के साथ-साथ सांस्कृतिक संरक्षण को भी समान प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि जनजातीय समाज मज़बूती के साथ आगे बढ़ सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारस नाथ सिंह