सूरत में अफगान नागरिक गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज़ से भारतीय पासपोर्ट बनवाकर कई राज्यों में करता था कपड़ों का व्यापार

युगवार्ता    21-Nov-2025
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अफगानिस्तानी सूरत से गिरफ्तार


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सूरत, 21 नवंबर (हि.स.)। सूरत की क्राइम ब्रांच ने शहर में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अफगान नागरिक को नकली भारतीय दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपित पिछले कई सालों से सूरत में रहने के लिए फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर रहा था।

डीसीपी (क्राइम ब्रांच) भावेश रोजिया के मुताबिक गिरफ्तार आरोपित का नाम मोहम्मद आमिर जाविद खान (उम्र 42) है, जो मूल रूप से काबुल (अफगानिस्तान) का निवासी है। वह भारत में रहने के लिए यूएनएचसीआर शरणार्थी कार्ड लेकर आया था और सूरत के जहांगीरपुरा इलाके में रह रहा था। पुलिस जांच में सामने आया कि वह लगभग तीन से चार साल से सूरत में कपड़े की दलाली का काम कर रहा था।

डीसीपी के मुताबिक इस फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करके वह दो बार यूएई और एक बार यूएई से अफगानिस्तान की यात्रा कर चुका था। सूरत में वह होलसेल मार्केट में कपड़ों के व्यापार से जुड़ा था और दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में कपड़ों का कारोबार करता था।

गिरफ्तारी के बाद उसने बताया कि 2018 से पहले वह अफगानिस्तान के काबुल में खेती का काम करता था। लेकिन नकली दस्तावेजों की मदद से वह भारत में कपड़ों का व्यापारी बनकर रहने लगा और कई सालों से इस व्यवसाय में सक्रिय था।

भारतीय नागरिक दिखने के लिए आरोपित ने महाराष्ट्र के जालना में रहने वाले अपने मित्र अगजान (वर्तमान में फरार) के साथ मिलकर एक योजना बनायी। दोनों ने जालना महानगरपालिका से यह दिखाते हुए नकली जन्म प्रमाणपत्र बनवाया कि आमिर खान का जन्म 4 जून 1983 को जालना में हुआ था। इसी फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर आरोपित ने कई भारतीय दस्तावेज बनवा लिए।

भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) जैसे संवेदनशील सरकारी दस्तावेज हासिल किए थे। क्राइम ब्रान्च ने गुप्त सूचना के आधार पर आरोपित को चौक बाजार हेरिटेज ओवरब्रिज के पास से गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के साथ पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12(1) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उसका साथी अगजान फरार है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।

पुलिस ने आरोपित के पास से सभी फर्जी दस्तावेज बरामद कर लिए हैं और यह जांच भी शुरू कर दी है कि उसने भारत में रहते हुए इन दस्तावेजों का कैसे और किन-किन जगहों पर उपयोग किया।

यह मामला भारतीय दस्तावेजों की सुरक्षा-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है, क्योंकि एक विदेशी नागरिक ने योजनाबद्ध तरीके से भारतीय पहचान बनाकर कई संवेदनशील दस्तावेज हासिल कर लिए थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / यजुवेंद्र दुबे

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