
नई दिल्ली, 21 नवंबर (हि.स.)।
काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के सीईओ डॉ. अरुणाभ घोष ने कहा कि
कॉप30 में, ग्लोबल साउथ किसी से कोई पक्षपात करने की नहीं, बल्कि आवश्यक बुनियादी आधार देने की मांग रहा है, ताकि एक निष्पक्ष और प्रभावी वैश्विक जलवायु प्रतिक्रिया दी जा सके। जलवायु कार्रवाई समानता, निष्पक्ष नियमों और विश्वसनीय सहायता पर आधारित होनी चाहिए। इस मामले में कॉप 30 के नए टेक्स्ट बताते हैं कि आने वाले घंटों में और अधिक प्रगति व बातचीत करने की जरूरी होगी, ताकि ऐसे परिणाम पर पहुंचा जा सके, जो महत्वपूर्ण रूप से सुभेद्यों की रक्षा कर सके।
उन्होंने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि न्यू कलेक्टिव क्वांटिफाइड गोल ऑन क्लाइमेट फाइनेंस (एनसीक्यूजी) के कार्यान्वयन पर विचार करने के लिए प्रस्तावित उच्च-स्तरीय मिनिस्टर लेबल राउंडटेबल एक स्वागत योग्य कदम है। साथ में, यह इस बात की मान्यता भी है कि अनुकूलन स्थानीय स्तर पर तय होने चाहिए और तभी न्यायसंगत बदलावों की दिशा में वैकल्पिक विकल्प उपलब्ध होंगे। भले ही व्यापार पर नई वार्ताएं प्रगति दर्शाती हैं, लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विकासशील अर्थव्यवस्थाएं जलवायु से जुड़ी व्यापार बाधाओं से सुरक्षित रहें।
लेकिन ग्लोबल गोल ऑन एडॉप्टेशन (जीजीए) चर्चाओं में एक नए अनुकूलन वित्त का लक्ष्य शामिल न होना, और वित्त के मामले में व्यापक रूप से 'सभी पक्षों'
पर लगातार निर्भर रहने की भाषा वित्त जुटाने को सीमित कर सकती है। इसके अलावा, जलवायु वित्त पर दो वर्षों का विस्तृत कार्यक्रम इस बात पर ध्यान केंद्रित करने और समर्पित प्रतिक्रिया देने में कमजोर पड़ गया है कि विकसित देश अपने दायित्वों को कैसे पूरा करेंगे।
एक विश्वसनीय कॉप के परिणाम विकासशील देशों के लिए जलवायु कार्रवाई में सहायक उपायों को मजबूत करने वाले होने चाहिए, न कि उन्हें कम उपकरणों के साथ चुनौतीपूर्ण परिवर्तनों का सामना करने के लिए छोड़ देना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी