जमात-ए-इस्लामी हिंद ने पड़ोसियों के अधिकार के लिए देशव्यापी मुहिम की घोषणा की

युगवार्ता    21-Nov-2025
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जमात-ए-इस्लामी हिंद ने पड़ोसियों के अधिकार की देशव्यापी मुहिम


नई दिल्ली, 21 नवंबर (हि.स.)। जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने आदर्श पड़ोसी, आदर्श समाज के नारे के साथ पड़ोसियों के अधिकारों को लेकर दस-दिवसीय देशव्यापी अभियान शुरू करने की घोषणा की है। यह अभियान 21 से 30 नवंबर 2025 तक पूरे देश में चलेगा, जिसका उद्देश्य पड़ोसियों के प्रति अच्छे व्यवहार और सद्भावना की भावना को फिर से जगाना और सामुदायिक संबंधों को मज़बूत करना है।

मीडिया को जारी एक बयान में जमात के अध्यक्ष ने कहा कि इस्लाम पड़ोसियों के अधिकारों को बड़ा महत्व देता है और इसे एक सामंजस्यपूर्ण समाज की आधारशिला मानता है। क़ुरान में अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से न केवल निकटम पड़ोसियों के साथ बल्कि ‘अस्थाई पड़ोसी’ के रूप में निकट आए लोगों के साथ भी अच्छा व्यवहार करने का आदेश दिया गया है, जिसमें सहकर्मी, सहयात्री और यहां तक कि सड़क पर हमारे साथ चलने वाले लोग भी शामिल हैं। इस मुहिम के ज़रिए, हम मुसलमानों को इन अनिवार्य शिक्षाओं की याद दिलाना चाहते हैं और उन्हें अच्छे पड़ोसी बनने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं, ताकि समाज के सामने इस्लाम का सही चेहरा पेश किया जा सके।

सैयद सआदतुल्लाह ने कहा कि अच्छे रिश्तों की नींव पर बना समाज अपने आप ही एक मिसाली समाज बन जाता है। जब पड़ोसी एक-दूसरे के साथ दया, क्षमा और इंसाफ़ के साथ पेश आते हैं, तो इससे उठने वाली लहर पूरे समाज को परिवर्तित कर देती है। हमें उम्मीद है कि यह अभियान न सिर्फ पड़ोसियों के बीच के झगड़े सुलझाएगा बल्कि दया और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे इस्लामी मूल्यों का एक मजबूत सबूत भी बनेगा।

पड़ोसियों के अधिकार मुहिम के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अहमद ने बताया कि यह मुहिम शहरी इलाकों में बढ़ते अकेलेपन की भावना को सम्बोधित करती है, जिसकी वजह से पड़ोसी रिश्तों की अनदेखी हो रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मुहिम का मकसद आपसी हमदर्दी, सहयोग, साफ-सफाई और ट्रैफिक डिसिप्लिन को बढ़ावा देना है जिसे इस्लाम अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी मानता है।

इसमें कई तरह के कार्यक्रम होंगे, जिसमें सभी धर्मों के पड़ोसियों के साथ मीटिंग, चाय सभाएं, महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष प्रोग्राम, मोहल्लों में सफाई अभियान, रास्ते के अधिकारों पर जागरूकता रैलियां और सांस्कृतिक प्रतियोग्ताएं शामिल हैं। विभिन्न धर्मों के बीच तालमेल को मज़बूत करने और इस्लाम के बारे में गलतफहमियों को दूर करने के लिए गैर-मुस्लिम भाइयों और बहनों तक पहुंचने पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ मोहम्मा ओवैस

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हिन्दुस्थान समाचार / मोहम्मद शहजाद

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