खड़गपुर को उत्कृष्ट राजभाषा कार्यान्वयन के लिए सम्मान

21 Nov 2025 20:04:00
खड़गपुर को उत्कृष्ट राजभाषा कार्यान्वयन के लिए सम्मान


खड़गपुर, 21 नवंबर (हि.स.)। भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं राजभाषा विभाग के पूर्व क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय द्वारा 19 नवंबर को मुजफ्फरपुर में राजभाषा संगोष्ठी, पुरस्कार वितरण एवं कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया।

खड़गपुर आईआईटी द्वारा शुक्रवार जारी विज्ञप्ति के अनुसार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुजित कुमार अरविंद, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिजर्व बैंक, पटना उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में प्रोफेसर (डॉ.) महेन्द्र मधुकर, वरिष्ठ शिक्षाविद एवं कवि, शैलेन्द्र प्रसाद, उप महाप्रबंधक, बैंक ऑफ इंडिया एवं अध्यक्ष नराकास (मुजफ्फरपुर), डॉ. विचित्र सेन गुप्त, उपनिदेशक (कार्यान्वयन) तथा डॉ. वीरेन्द्र कुमार यादव, मनोनीत सदस्य, हिंदी सलाहकार समिति, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार सम्मिलित थे।

पूर्वी क्षेत्र के पांच राज्यों की कुल 64 नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों में से 15 समितियों को उत्कृष्ट कार्य के आधार पर सम्मान हेतु चयनित किया गया। यह खड़गपुर नगर के लिए गर्व का विषय है कि नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) खड़गपुर भी इस सम्मान सूची में शामिल की गई।

आईआईटी खड़गपुर की अध्यक्षता में बीते 16 वर्षों से राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार में सक्रिय नराकास खड़गपुर को कार्यालयों में हिंदी के प्रभावी प्रयोग, बेहतर समन्वयन, लक्ष्य प्राप्ति, नियमित बैठकें, कार्यशालाओं के आयोजन, नवाचार पहल तथा नगर स्थित शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी के प्रसार में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया।

समारोह में आईआईटी खड़गपुर के वरिष्ठ हिंदी अधिकारी एवं नराकास खड़गपुर के सदस्य-सचिव डॉ. राजीव कुमार रावत तथा श्री राजेश कुमार ने मुख्य अतिथि से पुरस्कार ग्रहण किया।

इस अवसर पर डॉ. राजीव ने कहा कि यह उपलब्धि नराकास खड़गपुर से जुड़े सभी सदस्य कार्यालयों के प्रमुखों, राजभाषा अधिकारियों और कर्मियों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। उन्होंने हिंदी के प्रोत्साहन में मार्गदर्शन एवं सहयोग के लिए आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रो. सुमन चक्रवर्ती, राजभाषा विभाग के अध्यक्ष प्रो. संजय चतुर्वेदी, संस्थान की प्रबंधन टीम तथा पूर्व क्षेत्र, कोलकाता के राजभाषा विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में हिंदी के संवर्धन हेतु कई प्रभावी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें राजभाषा के वर्तमान परिदृश्य और भविष्य की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

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