देश के वैज्ञानिकों ने बनाया ऐसा पदार्थ, जो शरीर के अंगों की हरकतों से बिजली पैदा करेगा

21 Nov 2025 13:42:01
वैज्ञानिकों ने विकसित किया लचीला ऊर्जा बनाने वाला पदार्थ


नई दिल्ली, 21 नवंबर (हि.स.)। देश के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा खास लचीला पदार्थ तैयार किया है जो शरीर की सामान्य हरकतों जैसे दिल की धड़कन, सांस लेना, उंगलियों की हलचल या चलाने से खुद ही बिजली बना सकता है। यह उपलब्धि बेंगलुरु स्थित सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज सीईएनएस के वैज्ञानिकों ने हासिल की है, जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का स्वायत्त संस्था है।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, वैज्ञानिकों ने टंग्स्टन ट्राइऑक्साइड नाम के विशेष नैनो कणों को पीवीडीएफ नाम की लचीली प्लास्टिक सामग्री में मिलाकर एक नया मिश्रित पदार्थ बनाया है, जो दबाव और खिंचाव जैसी गतिविधियों को बिजली में बदलने की क्षमता रखती है। शोध टीम ने इन नैनो कणों को चार अलग-अलग आकारों में तैयार कर जांच की, जिनमें फूल जैसी आकृति वाले कण सबसे प्रभावी पाए गए। इनकी सतह पर अधिक विद्युत आवेश होता है, जिससे ये प्लास्टिक में सबसे अच्छी तरह घुलमिल जाते हैं और ज्यादा बिजली पैदा करते हैं। शोधकर्ताओं ने सिर्फ पदार्थ तैयार नहीं किया, बल्कि यह भी तय किया कि प्लास्टिक में नैनो कणों की कितनी मात्रा रहने से ऊर्जा उत्पादन सबसे ज्यादा होगा। इसके बाद टीम ने इसका उपयोग करके छोटे-छोटे स्वयं ऊर्जा पैदा करने वाले उपकरण भी बनाए और उनका सफल परीक्षण किया।

इन उपकरणों ने हल्की से हल्की गतिविधि जैसे उंगली का मोड़ना या टेबल पर हल्की थापसे भी साफ और स्थिर विद्युत संकेत पैदा किए। यह शोध अंतरराष्ट्रीय पत्रिका एसीएस अप्लाइड इलेक्ट्रॉनिक मटेरियल्स में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तकनीक वास्तविक जीवन में कई क्षेत्रों में बड़ा बदलाव ला सकती है। विशेष रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र में, जहां मरीज की दिल की धड़कन, सांस, नाड़ी और चलने जैसी गतिविधियों की लगातार निगरानी बेहद जरूरी होती है, यह तकनीक बिना किसी बाहरी बिजली स्रोत के यह काम कर सकती है। नया पदार्थ स्मार्ट कपड़ों, फिटनेस बैंड़ों, मोशन सेंसरों और चिकित्सा उपकरणों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे शरीर में पहने जाने वाले उपकरण का आकार और वजन कम होगा, बैटरी बदलने की जरूरत खत्म होगी और लगातार कामकाज संभव हो सकेगा। इसके अलावा यह तकनीक भविष्य में ऊर्जा बचत और हरकत से ऊर्जा बनाने वाले स्मार्ट वस्त्रों और उपकरणों में भी इस्तेमाल की जा सकेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर

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