
नई दिल्ली, 21 नवंबर (हि.स.)। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के भीतर मतभेद और असंतोष की खबरों को कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खारिज कर दिया है। सुरजेवाला ने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से विस्तृत चर्चा हुई, और दोनों इस बात पर सहमत हैं कि कर्नाटक में निर्णायक रूप से पराजित और गुटबद्ध भाजपा, मीडिया के एक वर्ग की मदद से कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक दुर्भावनापूर्ण अभियान चला रही है।
सुरजेवाला ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि इस अभियान का असली उद्देश्य कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों और उसकी पांच गारंटी योजनाओं को कमजोर करना है, जो राज्य में समावेशी विकास और न्यायपूर्ण वितरण का सफल मॉडल बन चुकी हैं। कांग्रेस के कुछ नेताओं और विधायकों के अनावश्यक बयानों ने अटकलों को बढ़ाया, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें स्पष्ट चेतावनी दी है कि नेतृत्व से जुड़े मुद्दों पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी न करें और अफवाहों का हिस्सा न बनें।
उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व सभी पार्टी पदाधिकारियों की राय पर ध्यान दे रहा है और सरकार एवं संगठन पूरी तरह एकजुट हैं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेताओं ने पिछले कुछ दिनों में कर्नाटक कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के दावे किए हैं। हबल्ली में भाजपा नेता महेश तेंगनकाई ने कहा कि मामला कांग्रेस का आंतरिक है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स से संकेत मिल रहा है कि पार्टी में गंभीर संकट पैदा हो सकता है। उन्होंने दावा किया कि नवंबर के अंत तक कांग्रेस में बड़ा बवाल संभव है। धारवाड़ में भाजपा के उपनेता विपक्ष अरविंद बेलाड ने भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार के बीच खींचतान जारी है। बेलाड का दावा है कि सिद्धारमैया, शिवकुमार के प्रभाव को संतुलित करने के लिए सतीश जरकिहोली और जी. परमेश्वर को आगे बढ़ाना चाहते थे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी अब संभावित दावेदारों में शामिल किया जा रहा है, क्योंकि वे लंबे समय से पार्टी की सेवा कर रहे हैं और राज्य की कमान चाहते हैं। ---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर