
जोहान्सबर्ग, 22 नवंबर (हि.स.)। भारत, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में बड़े सहयोग के लिए एक नई त्रिपक्षीय पहल ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और इंडिया टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन (एसीआईटीआई) साझेदारी की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य उभरती तकनीकों पर काम तेज करना, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना और महत्वपूर्ण खनिजों से जुड़े सप्लाई चेन ढांचे को अधिक सुरक्षित और मजबूत बनाना है। यह घोषणा दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान तीनों देशों के शीर्ष नेतृत्व की बैठक के बाद की गई है।
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ मुलाकात हुई, जिसमें तीनों नेताओं ने तकनीकी सहयोग को और व्यापक बनाने पर सहमति जताई।
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि यह साझेदारी तीनों देशों की क्षमताओं और साझा हितों पर आधारित होगी और आने वाले वर्षों में तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में नए अवसर पैदा करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल को लेकर एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया भी साझा की। उन्होंने लिखा कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के प्रधानमंत्रियों के साथ उत्कृष्ट बैठक हुई और तीनों देशों को एसीआईटीआई साझेदारी की घोषणा करते हुए खुशी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह साझेदारी तीन महाद्वीपों और तीन महासागरों में फैले लोकतांत्रिक साझेदारों के बीच उभरती तकनीकों, स्वच्छ ऊर्जा, सप्लाई चेन में विविधता और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देगी। उन्होंने भरोसा जताया कि यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
तीनों सरकारों के जारी संयुक्त बयान के अनुसार, एसीआईटीआई साझेदारी के तहत तीनों देश उभरती तकनीक, ग्रीन एनर्जी इनोवेशन और महत्वपूर्ण खनिजों की सप्लाई चेन को मजबूत करने पर काम करेंगे। साझेदारी का एक अहम हिस्सा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास और इसके बड़े स्तर पर उपयोग को बढ़ाना भी होगा, ताकि नागरिकों के जीवन में तकनीक आधारित सुधार लाया जा सके। इसके साथ ही यह पहल सप्लाई चेन को अधिक सुरक्षित और विविध बनाकर आर्थिक स्थिरता को भी मजबूती देगी। तीनों देशों ने यह भी तय किया है कि इस साझेदारी की आगे की रूपरेखा पर चर्चा के लिए अधिकारी 2026 की पहली तिमाही में बैठक करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर