(संशोधित) शिक्षा मंत्रालय दो दिसंबर से आयोजित करेगा काशी तमिल संगमम 4.0

22 Nov 2025 17:07:00
काशी तमिल संगमम का फोटो


(नोट- इंट्रो और अंतिम पैरा में संशोधन के साथ पुनः जारी)

नई दिल्ली, 22 नवंबर (हि.स.)। शिक्षा मंत्रालय आगामी दो दिसंबर से काशी तमिल संगमम 4.0 (केटीएस 4.0) का आयोजन करने जा रहा है। वाराणसी में 15 दिसंबर तक आयोजित इस संगमम में तमिलनाडु से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।

मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से शुरू हुई इस पहल का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच प्राचीन सांस्कृतिक, भाषाई और ज्ञान परंपराओं के संबंधों को और मजबूत करना है। इस कार्यक्रम का समन्वय आईआईटी मद्रास और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है, जबकि कई केंद्रीय मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार इसमें सहयोग कर रहे हैं।

वर्ष 2022 में आरंभ हुए इस संगम ने अब तक व्यापक जनभागीदारी के साथ दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच एक मजबूत सांस्कृतिक पुल का निर्माण किया है। चौथे संस्करण का मुख्य विषय “लर्न तमिल – तमिल कार्कलम” रखा गया है। इसके तहत देशभर में तमिल सीखने को बढ़ावा देने और भारत की शास्त्रीय भाषाई विरासत को लोकप्रिय बनाने पर विशेष जोर रहेगा।

तमिलनाडु से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि आठ दिवसीय अनुभवात्मक यात्रा पर आएंगे। इनमें छात्र, शिक्षक, मीडिया पेशेवर, कृषि व सम्बद्ध क्षेत्र से जुड़े लोग, कारीगर, महिलाएं और आध्यात्मिक विद्वान शामिल होंगे। वे वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या का भ्रमण कर सांस्कृतिक, साहित्यिक और अकादमिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

प्रतिनिधियों को काशी में स्थित तमिल विरासत स्थलों का भी भ्रमण कराया जाएगा, जिनमें महाकवि सुब्रमण्यम भारती का पैतृक आवास, केदार घाट, “लिटिल तमिलनाडु” क्षेत्र का काशी मदम, काशी विश्वनाथ मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर प्रमुख हैं। इसके अलावा बीएचयू के तमिल विभाग में साहित्यिक और शैक्षणिक संवाद भी आयोजित होगा।

केटीएस 4.0 के अंतर्गत प्रमुख पहलों में ‘संत अगस्त्य वाहन यात्रा’ 2 दिसंबर को तेनकासी से शुरू होकर 10 दिसंबर को काशी में समाप्त होने वाली यह यात्रा तमिलनाडु और काशी के बीच प्राचीन सांस्कृतिक मार्गों को पुनर्स्मरण कराएगी। यह यात्रा पांड्य शासक अदि वीर पराक्रम पांडियन की एकता-यात्रा को समर्पित है, जिन्होंने तेनकासी में शिव मंदिर का निर्माण कर दक्षिण काशी की संकल्पना को आकार दिया था।

इसके अलावा वाराणसी के विद्यालयों में तमिल शिक्षण “तमिल कार्कलम” अभियान के तहत 50 तमिल शिक्षक काशी के स्कूलों में तमिल भाषा पढ़ाएंगे। उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए तमिलनाडु अध्ययन भ्रमण-कुल 300 छात्र इस कार्यक्रम के तहत 15 दिनों के लिए तमिलनाडु भेजे जाएंगे। वहां उन्हें तमिल भाषा, संस्कृति और विरासत से अवगत कराया जाएगा।

सभी श्रेणियों के लिए पंजीकरण- kashitamil.iitm.ac.in पोर्टल पर किया गया, जिसकी अंतिम तिथि 21 नवंबर 2025 को रात्रि 8 बजे तक थी। चयन क्विज 23 नवंबर को आयोजित होगा। काशी तमिल संगमम् 4.0 सांस्कृतिक आदान-प्रदान और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो भारत की सभ्यतागत निरंतरता और विविधता में एकता के संदेश को और सशक्त बनाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार

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