आईआईटी खड़गपुर में ‘स्कोप 2.0’ विज्ञान संचार कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न

22 Nov 2025 16:44:00
आईआईटी खड़गपुर में स्कोप 2.0


आईआईटी खड़गपुर में स्कोप 2.0


आईआईटी खड़गपुर में स्कोप 2.0


खड़गपुर, 22 नवंबर (हि.स.)।

आईआईटी खड़गपुर में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (एमएमटीटीपी) के तहत आयोजित पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला “स्कोप 2.0 – साइंस कम्युनिकेशन, आउटरीच एवं पब्लिक एंगेजमेंट” का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस कार्यशाला का आयोजन आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी हैदराबाद द्वारा इंडियन नेशनल यंग एकेडमी ऑफ साइंस के सहयोग से किया गया। इसमें देशभर के विभिन्न केंद्रीय फंडिंग प्राप्त तकनीकी संस्थानों से आए 38 युवा संकाय सदस्यों ने विज्ञान संचार कौशल के उन्नयन हेतु भागीदारी की।

आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रो. सुमन चक्रवर्ती ने “मेकिंग ऑफ ए पेपर – पेपर फैक्ट्री?” विषय पर अपने विशेष संबोधन में वैज्ञानिक शोध, संचार और नवाचार को आगे बढ़ाने से जुड़े प्रेरक विचार साझा किए। उनका संबोधन प्रतिभागियों के लिए उत्साह और ऊर्जा का स्रोत बना।

गर्गी ऑडिटोरियम में आयोजित उद्घाटन समारोह में शिक्षा मंत्रालय के एमएमटीटीपी निदेशक देवेंद्र कुमार शर्मा, आईआईटी खड़गपुर के डीन (बायोसायंस एंड बायोटेक्नोलॉजी) प्रो. रामकृष्ण सेन, कार्यशाला कन्वीनर डॉ. निशांत चक्रवर्ती तथा आईआईटी हैदराबाद के प्रो. चंद्रशेखर शर्मा सहित कई प्रमुख अकादमिक और नीति विशेषज्ञों ने विज्ञान संचार को मजबूत बनाने तथा भारतीय ज्ञान पारिस्थितिकी को सुदृढ़ करने के महत्व पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला के प्रथम दिन बीओडीएच–शक्ति संचार मॉड्यूल का आयोजन किया गया, जिसका संचालन डॉ. वेदा कृष्णन, डॉ. पूजा देवी, डॉ. श्रीपर्णा चटर्जी और प्रो. चंद्रशेखर शर्मा ने संयुक्त रूप से किया। इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को प्रभावी वैज्ञानिक अभिव्यक्ति के सिद्धांतों—जैसे एलिवेटर पिच, पीयर ट्रांसलेशन और साइंस स्टोरीटेलिंग—से अवगत कराया गया।

अगले चार दिनों तक प्रतिभागियों के लिए विज्ञान संचार, पत्रकारिता, शोध प्रकाशन, मीडिया एंगेजमेंट, शोध नैतिकता, पेटेंट ड्राफ्टिंग तथा विज्ञान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नई भूमिका जैसे विविध विषयों पर विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए गए। इनमें एनडीटीवी के साइंस एडिटर पल्लव बागला, वरिष्ठ विज्ञान पत्रकार प्रसाद रविंद्रन, डॉ. मनोज कुमार पाटरैया, डॉ. मेहर वान, डॉ. रोहिणी किट्टुरे, टी. वी. पद्मा, डॉ. कुतुबुद्दीन मोल्ला, डॉ. सोमदत्ता करक तथा डॉ. निमिष कपूर जैसे राष्ट्रीय स्तर के विज्ञान संचारकों और शोधकर्ताओं ने अपनी विशेषज्ञता साझा की।

प्रतिभागियों ने आईआईटी खड़गपुर के विभिन्न अनुसंधान संकायों और प्रयोगशालाओं का भ्रमण भी किया, जिससे संस्थान की वैज्ञानिक विरासत और वर्तमान अनुसंधान गतिविधियों को समझने का अवसर मिला।

कार्यशाला का समापन प्रमाणपत्र वितरण समारोह के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी और प्रशिक्षण की सफल पूर्णता की सराहना की गई।

हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

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