उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने पुट्टपर्थी में श्री सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर लर्निंग के 44वें दीक्षांत समारोह में कहा- सेवा ही सच्ची शिक्षा का आधार

22 Nov 2025 23:11:00
आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में श्री सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर लर्निंग के 44वें दीक्षांत समारोह में शामिल होते उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन


पुट्टपर्थी, 22 नवंबर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने आंध्र प्रदेश के पुट्टपार्थी स्थित प्रशांति निलयम में आयोजित श्री सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर लर्निंग के 44वें दीक्षांत समारोह में कहा कि श्री सत्य साई बाबा ने ऐसी शिक्षा का विचार रखा था, जिसमें सेवा जीवन का स्वभाव हो और विद्यार्थी निष्कपटता, ईमानदारी और उत्कृष्टता जैसे मूल्यों के साथ आगे बढ़ें।

उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रतीक में दर्शाए गए सर्व धर्म स्तूप को शांति और सद्भाव का प्रतीक बताते हुए संस्थान की मूल्य आधारित शिक्षा की परंपरा की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह संस्थान चरित्र निर्माण, विवेक और सभी धर्मों तथा परंपराओं के सम्मान को शिक्षा का मुख्य तत्व मानता है।

उपराष्ट्रपति ने भारत की तेजी से बढ़ती प्रगति को बताते हुए कहा कि देश अभूतपूर्व बदलाव के दौर में है और तकनीक तथा नवाचार का वैश्विक केंद्र बन रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लागू की गई नयी शिक्षा नीति 2020 का जिक्र करते हुए कहा कि इससे उच्च शिक्षा क्षेत्र में अध्यापक प्रशिक्षण, आधारभूत सुविधाओं, डिजिटल माध्यमों और सीखने के नतीजों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि देश भर के उच्च शिक्षण संस्थान बहुविषयी शोध और उत्कृष्टता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं जिससे भारत ज्ञान, तकनीक और समावेशी शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनने की ओर है। साथ ही उन्होंने शोध में निवेश बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा, ब्लॉकचेन और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों में दक्ष होना होगा और साथ ही राष्ट्रीय मूल्यों से जुड़े रहना होगा। उन्होंने कोविड वैक्सीन निर्माण में भारत की उपलब्धि को मानवता की सेवा का उदाहरण बताते हुए कहा कि भारत ने कई देशों को मुफ्त वैक्सीन देकर करुणा का परिचय दिया।

उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें भारत की आध्यात्मिक और मानवीय परंपरा के प्रतिनिधि बनकर समाज में अनुशासन और सेवा भाव को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे विकसित भारत 2047 के संकल्प में अपनी भूमिका निभाएं और देश की प्रगति में योगदान दें।

कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, मंत्री नारा लोकेश, विश्वविद्यालय के चांसलर के चक्रवर्ती सहित अनेक अतिथि, शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर

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