बढ़ते प्रदूषण से चेहरे की त्वचा की रंगत हो रही है फीकीः शहनाज हुसैन

23 Nov 2025 22:23:00
शहनाज हुसैन


नई दिल्ली, 23 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से न केवल सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है बल्कि चेहरे की त्वचा की रंगत को भी फीका कर रहा है।

प्रदूषण से त्वचा पर प्रतिकूल असर पचास फीसदी तक बढ़ा है। इसके असर को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन कुछ हद तक कम जरूर किया जा सकता है। ये कहना है सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन का जो रविवार को प्रगति मैदान मे आयोजित 44वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में हॉल नंबर 14 के एक पवेलियन में मौजूद थी। उन्होंने इस मौके पर लोगों के सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने कहा कि लोग प्रदूषण के नुकसान को कुछ घरेलू उपाय और बीबी क्रीम लगा कर कम कर सकते हैं।

सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि प्रदूषण से माइक्रोस्कोपिक केमिकल्स के कण हमारे छिद्रों के मुकाबले 20 गुणा ज्यादा पतले होते हैं। जिसकी वजह से वह हमारी बाहरी त्वचा से हमारे छिद्रों में प्रवेश कर के त्वचा की नमी को खतम कर देते हैं, जिससे त्वचा में लालिमा, सूजन, काले दाग और असमय झुर्रियां आ जाती हैं। इससे त्वचा निर्जीव, शुष्क, कमजोर एवं बुझी-बुझी सी हो जाती है।

उन्होंने बताया कि प्रदूषक ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन पैदा करते हैं, जिससे मेलेनिन का उत्पादन बढ़ जाता है और त्वचा का रंग असमान हो जाता है और काले धब्बे पड़ने लगते हैं। इसके लिए लोग घरेलू उपाय कर सकते हैं और मुंह को बार बार धोना चाहिए। उन्होंने कहा कि त्वचा शुष्क होने पर क्लीजिंग क्रीम तथा जेल का प्रयोग करना चाहिए जबकि तैलीय त्वचा में क्लीनिंग दूध या फेशवाश का उपयोग किया जा सकता है।

सौंदर्य पर प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए चन्दन, पुदीना, नीम, तुलसी जैसे पदार्थों का उपयोग करना चाहिए़। इन पदार्थों में विषैले तत्वों से लड़ने की क्षमता तथा गुणों की वजह से त्वचा में विषैले पदार्थों के जमाव तथा फोड़े, फुन्सियों को साफ करने में मदद मिलती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

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