
नई दिल्ली, 23 नवंबर (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सिंधी समुदाय की उद्यमशीलता, सेवा भावना और सांस्कृतिक प्रतिबद्धता ने उन्हें भारत की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति का मजबूत आधार बनाया है। यह समुदाय सांस्कृतिक गौरव, ईमानदारी और राष्ट्र-निर्माण की अद्भुत मिसाल है।
ओम बिरला ने राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में विश्व सिंधी हिंदू फाउंडेशन ऑफ एसोसिएशन्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम “सशक्त समाज-समृद्धभारत” को संबोधित करते हुए कहा कि सिंधी समाज ने कारोबार, उद्योग, बैंकिंग, सेवा क्षेत्र और नई तकनीकों में उत्कृष्टता हासिल की है। यह सफलता केवल आर्थिक समझ पर आधारित नहीं, बल्कि विश्वास, सहयोग और नैतिक आचरण जैसी गहरी मानवीय मूल्यों से प्रेरित है, जो राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा कि विभाजन के दौरान आई चुनौतियों ने सिंधी समुदाय को और मजबूत किया। भारी नुकसान के बावजूद समुदाय ने अपने धर्म, परंपराओं और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखा और अदम्य इच्छाशक्ति के साथ जीवन को दोबारा खड़ा किया। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत की शक्ति उसकी विविधता में है और सभी समुदायों के बीच एकता, समन्वय और परस्पर सम्मान ही 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सेवा और सामुदायिक कल्याण में सिंधी समुदाय के योगदान की सराहना की और कहा कि यह समुदाय समावेशी विकास के प्रति लगातार समर्पित है। ओम बिरला ने बताया कि 2003 से सिंधी समुदाय के साथ उनका गहरा और आत्मीय संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी संसदीय दौरों के दौरान बारबाडोस से सुरिनाम और मेक्सिको तक हर जगह उन्हें जीवंत सिंधी समुदाय देखने को मिले, जो अपनी सांस्कृतिक जड़ों को संभाले हुए स्थानीय अर्थव्यवस्था और समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सिंधी युवाओं की उद्यमशीलता, नवाचार और दूरदर्शी सोच तकनीक और नए क्षेत्रों में भारत की प्रगति की बड़ी ताकत है। सिंधी समुदाय ने विश्व को यह सिखाया है कि कैसे दृढ़ता, परिश्रम और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा जीवन को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है। देश और विदेश में उनकी उपलब्धियां राष्ट्रीय गौरव का विषय हैं। कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर