
देहरादून, 23 नवंबर (हि.स.)। भू-बैकुंठ भगवान बदरीनाथ के कपाट 25 नवंबर को बंद होने हैं। कपाट बंद होने की प्रक्रिया 21 नवंबर को गणेश मंदिर के कपाट बंद होने के साथ शुरू हुई। आज बदरीनाथ धाम में खडग-पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद कर दिया जाएगा और कल यानी 24 नवंबर को मां लक्ष्मी को कढ़ाई भोग चढ़ाने के बाद लक्ष्मी जी को मंदिर के गर्भगृह में आने का न्योता दिया जाएगा।
25 नवंबर को मां लक्ष्मी का बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश होगा और फिर लक्ष्मी-नारायण को घृत कंबल से ढंक दिया जाएगा। इसी दिन शुभ मुहूर्त में अपराह्न 2 बजकर 56 पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है और तीर्थ पुरोहितों के साथ ही स्थानीय लोग भी तैयारियों में जुटे हैं।
बदरी धाम के कपाट बंद होने के बाद 26 नवंबर को सुबह श्री कुबेर जी व उद्धव जी का पांडुकेश्वर व शंकराचार्य की गद्दी का नृसिंह मंदिर ज्योर्तिमठ के लिए प्रस्थान होगा। श्रीबदरी-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि कपाट बंद होने की तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई। बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और उनके लिए तमाम सुविधाएं जुटा दी गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / विनोद पोखरियाल