
नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 71वां राष्ट्रीय अधिवेशन 28 से 30 नवंबर तक उत्तराखंड के देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में अस्थाई रूप से स्थापित 'भगवान बिरसा मुंडा नगर' में आयोजित होगा। अधिवेशन में देशभर से 1500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने मंगलवार को यहां कार्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि संगठन का यह 71वां राष्ट्रीय अधिवेशन इसलिए भी विशेष है क्योंकि उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हो रहा है। इस तीन दिवसीय अधिवेशन में देश के सभी जिलों एवं प्रमुख विश्वविद्यालयों से विद्यार्थी, शिक्षक, शिक्षाविद एवं अभाविप के पूर्णकालिक कार्यकर्ता शामिल होंगे, जो कि शिक्षा, समाज, पर्यावरण, सेवा, खेल, तकनीकी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चिंतन एवं मंथन कर महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित करेंगे।
डॉ. सोलंकी ने बताया कि राष्ट्रीय अधिवेशन के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों, सत्रों और प्रदर्शनी को स्थान दिया गया है। अधिवेशन के मुख्य सभागार का नाम उत्तराखंड के वीर सपूत भारतीय सेना के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम पर रखा गया है। साथ ही अधिवेशन से पूर्व होने वाली महत्वपूर्ण यात्राओं में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर झारखंड के उलिहातु से भगवान बिरसा संदेश यात्रा एवं रानी अब्बक्का के 500वीं जयंती के अवसर पर कर्नाटक स्थित रानी अब्बक्का की जन्मस्थली से रानी अब्बक्का कलश यात्रा अधिवेशन में पहुंचेगी। साथ ही गुरु तेग बहादुर सिंह के 350वें बलिदान दिवस के अवसर पर दिल्ली स्थित उनके बलिदान स्थल गुरुदवारा शीशगंज साहिब से पवित्र जल भी इस अधिवेशन में लाया जाएगा।
सोलंकी ने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ आगामी 28 नवंबर को होगा, जिसके उद्घाटन सत्र में इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। अधिवेशन में अभाविप के संगठन शिल्पी प्रा. यशवंतराव केलकर की स्मृति में युवा पुरस्कार समारोह का आयोजन होगा। इसमें समाज कल्याण में महती भूमिका निभाने वाले गोरखपुर के श्रीकृष्ण पाण्डेय को प्रा. यशवंतराव केलकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस सम्मान समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे।
उन्होंने बताया कि अधिवेशन के मुख्य आकर्षण में से एक भव्य प्रदर्शनी भी है, जिसका नाम 'महारानी अब्बक्का प्रदर्शनी' रखा गया है। इसमें अभाविप के विचार वृक्ष, संगठन के राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय अभियान, स्वतंत्रता संग्राम के महानायक, सांस्कृतिक पुनर्जागरण की विभूतियां तथा विशेष रूप से रानी अब्बक्का के साहस को प्रभावशाली ढंग से प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आचार्य बालकृष्ण होंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी