
नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ (एमआईसी) द्वारा इंस्टीट्यूशंस इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) रीजनल मीट 2025 का आयोजन मंगलवार को देश के आठ शहरों—कोयंबटूर, हुबली, जयपुर, नोएडा, कोलकाता, हैदराबाद, अहमदाबाद और भुवनेश्वर—में एक साथ किया गया। परिषद मुख्यालय से एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया।
सभी केन्द्रों से जुड़े प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए प्रो. सीताराम ने पिछले सात वर्षों में आईआईसी पहल की प्रभावी यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आईआईसी नेटवर्क आज दुनिया के सबसे बड़े उच्च शिक्षा नवाचार तंत्रों में शामिल है, जिसमें देशभर की 16,400 से अधिक सक्रिय परिषदें जुड़ी हैं। एआईसीटीई की अनुमोदन प्रक्रिया में आईआईसी को अनिवार्य किए जाने से प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश के संस्थानों की भागीदारी और मजबूत हुई है।
उन्होंने बताया कि इस पहल का लक्ष्य तकनीकी संस्थानों से आगे बढ़कर सभी प्रकार के उच्च शिक्षण संस्थानों में नवाचार, समस्या-समाधान और आलोचनात्मक चिंतन की राष्ट्रीय मानसिकता विकसित करना है। इस प्रयास से वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग दस वर्षों में 86वें से 38वें स्थान तक पहुंची है। आने वाले वर्षों में शीर्ष 20 में स्थान प्राप्त करना लक्ष्य रखा गया है।
प्रो. सीताराम ने कहा कि एआईसीटीई आईटी-संचालित तथा अनुसंधान एवं विकास आधारित नवाचार संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है, जिससे संस्थान बौद्धिक संपदा और गहन-प्रौद्योगिकी अनुसंधान के केन्द्र बन सकें। उन्होंने संस्थानों से अपने राजस्व का पाँच प्रतिशत अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने और राष्ट्रीय प्राथमिकता क्षेत्रों से जुड़े गुणवत्तापूर्ण प्रस्ताव तैयार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि एनआरएफ, एआईसीटीई, डीबीटी और बाईरैक जैसी संस्थाओं की वित्तीय सहायता नवाचार क्षमता को और मजबूत कर रही है। विशाखापत्तनम का सफल ‘सिटी इनोवेशन क्लस्टर’ मॉडल यह दर्शाता है कि संस्थान–उद्योग–निवेशक सहयोग से उत्पाद विकास को नई गति मिल सकती है। इस मॉडल को 250 शहरों तक विस्तारित करने की तैयारी है।
उन्होंने कहा कि ये एक दिवसीय क्षेत्रीय आयोजन नवाचार संस्कृति को बढ़ावा देने, संस्थानों और हितधारकों के बीच सहयोग को मजबूत करने तथा देश के नवाचार तंत्र को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। कार्यक्रम का फोकस स्वदेशी, वोकल फॉर लोकल, सतत विकास, आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप है।
आईआईसी रीजनल मीट 2025 तीन चरणों में 25 नवंबर, 28 नवंबर और 2 दिसंबर को देश के 26 स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है। प्रत्येक क्षेत्रीय मीट में ओपन हाउस प्रदर्शनी, उत्पाद-आधारित पोस्टर प्रदर्शन, स्वदेशी उद्यमी बाजार, श्रेष्ठ प्रथाओं पर सत्र, नवाचार दूत प्रशिक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र भागीदारों द्वारा मास्टरक्लास, वन-टू-वन मेंटरिंग, नवाचार प्रतियोगिताएं और उत्कृष्ट नवाचारकर्ताओं का सम्मान शामिल है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार