
नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। भारतीय राजस्व सेवा (कस्टम्स एवं अप्रत्यक्ष कर) के 76वें बैच के अधिकारी प्रशिक्षुओं ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से राष्ट्रपति भवन में भेंट की। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि कर संग्रहण राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है और राजस्व सेवा अधिकारी देश की आर्थिक सीमाओं के सजग प्रहरी हैं।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कर से प्राप्त राजस्व से देश में आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित होती हैं। ऐसे में अधिकारी केवल प्रशासनिक भूमिका ही नहीं निभाते, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार भी होते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कर संग्रहण की प्रक्रिया करदाताओं के लिए सहज और न्यूनतम असुविधा वाली होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजस्व सेवा अधिकारियों को प्रशासक, अन्वेषक, व्यापार के सुगमीकरणकर्ता और कानून प्रवर्तनकर्ता के रूप में कई जिम्मेदारियां निभानी होती हैं। वे तस्करी, आर्थिक धोखाधड़ी और अवैध व्यापार के विरुद्ध देश की रक्षा करते हुए वैध व्यापार और वैश्विक आर्थिक साझेदारी को प्रोत्साहित करते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी भूमिका में कानून प्रवर्तन और व्यापार सुगमता के बीच संतुलन रखना अत्यंत आवश्यक है।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों को पारदर्शी, जवाबदेह और प्रौद्योगिकी आधारित कार्यप्रणाली विकसित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ईमानदारी और निष्पक्षता उनके पेशेवर आचरण की आधारशिला होनी चाहिए। युवा अधिकारियों से उन्होंने नवाचार, विश्लेषणात्मक सोच और तकनीकी दक्षता को अपनाने की अपेक्षा व्यक्त की।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार