




भोपाल, 25 नवंबर (हि.स.)। बुंदेलखंड की अयोध्या कही जाने वाली मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में स्थित पर्यटन नगरी ओरछा में इन दिनों श्री राम-जानकी विवाह महोत्सव की धूम है। यहां भगवान रामराजा सरकार का शाही विवाह समारोह लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में आज मंगलवार रात 12 बजे पूरा होगा। इससे पहले शाम 6:00 बजे रामराजा सरकार का दूल्हे के तौर पर मंदिर के अंदर पूजन हुआ और शाम 7:00 बजे भगवान की विशाल बारात नगर भ्रमण पर निकली। रात 12:00 बारात जनकपुरी पहुंचेगी, जहां दूल्हे सरकार के तौर पर राम राजा का तिलकोत्सव होगा और फिर सीताराम विवाह वर्षगांठ संपन्न होगी।
दरअसल, ऐतिहासिक नगरी ओरछा में श्री राम-जानकी विवाह महोत्सव की इस 450 साल पुरानी परंपरा की सबसे अनूठी बात यह है कि यह पूरा आयोजन ठेठ बुंदेली रीति और परंपरा के साथ होता है। यही कारण है कि ओरछा के सिंहासन पर बैठे राजा राम जब दुल्हा बनकर बारात में निकलते हैं तो वह रत्नजड़ित सोने का मुकुट न पहनते हुए परंपरा अनुसार खजूर का मुकुट धारण करते हैं। अवध और मिथला की परंपरा से दूर यह पूरा आयोजन बुंदेली लोकरीति से होता है तो विवाह का काम संवारे अधिकारी और पुरोहित सबसे पहले लोक देवता हरदौल को विवाह का न्यौता देने जाते है। इस आयोजन को लेकर देश भर के संत और आचार्य भी इस अवसर को अद्भुत मानते हैं।
महोत्सव में मंगलवार की शाम भगवान श्री रामराजा सरकार ने दुल्हा बनकर परंपरा अनुसार खजूर का मुकुट धारण किया। इसके बाद राम राजा जू वर यात्रा (राम बारात) रात्रि 7:00 बजे राजसी ठाठ-बाट के साथ श्री रामराजा मंदिर से प्रस्थान कर लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंची, जहां रात में दूल्हा श्रीराम का वैदिक मंत्रोच्चार से विधायक अनिल जैन ने भगवान का तिलक किया। पालकी के एक ओर छत्र और दूसरी ओर चंवर के साथ सैकड़ों वर्ष पुराने बुंदेली साम्राज्य की भव्यता दिखी।
यह आयोजन प्राचीन बुंदेली परंपराओं के अनुरूप हुआ। रामराजा सरकार को विशेष 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया, जो ओरछा के किलेबंद क्षेत्र में केवल राजा को मिलता है। मंदिर के बजाय राजमहल में विराजने वाले रामराजा सरकार की बारात में दर्जनों घोड़े आगे रहे। उनके पीछे हाथियों पर रक्षक और मध्य में दूल्हा स्वरूप रामराजा सरकार की पालकी रही। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी बारात में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने जयकारे भी लगाए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दूल्हा सरकार मेरे भाई हैं। मैं नेग के लिए पालकी रोकूंगी।
बारात नगर में भ्रमण करते हुए रात 12 बजे मंदिर आएगी। इसके साथ ही विवाह महोत्सव, संत समागम, रामचरित मानस प्रवचन, धनुष यज्ञ एवं श्री राम सेवादल द्वारा लीला का मंचन किया जाएगा। इसके अलावा बुधवार, 26 नवंबर 2025 को श्रीराम कलेवा एवं भजन कीर्तन किया जाएगा। 27 नवंबर को पोन्छक एवं 2 दिसंबर 2025 को दशमाननी का पूजन किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर