
काठमांडू, 25 नवंबर (हि.स.)। जनकपुरधाम स्थित जानकी मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम और सीता माता का विवाह पंचमी उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मिथिला की प्राचीन राजधानी जनकपुरधाम में राम–सीता विवाह महोत्सव विधिपूर्वक सम्पन्न हुआ।
त्रेतायुग के मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी के दिन श्रीराम और जानकी का विवाह हुआ था, इसी स्मृति में प्रत्येक वर्ष विवाह पंचमी पर्व मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार मिथिला नरेश राजा जनक की पुत्री सीता के स्वयंवर में रखे गए शिवधनुष को अयोध्या नरेश दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्रीराम ने भंग किया था, जिसके उपरांत मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी के दिन दोनों का दिव्य विवाह सम्पन्न हुआ था।
मिथिला की परंपरानुसार मटकोर, तिलकोत्सव, स्वयंवर और विवाह संस्कारों का आयोजन किया गया। भगवान राम की प्रतिमा को विशेष रूप से निर्मित डोला सिंहासन पर रखकर बाजागाजा एवं झांकियों के साथ राम मंदिर से रंगभूमि तक ले जाया गया। इसी प्रकार जानकी मंदिर से माता सीता की प्रतिमा को सुसज्जित डोला में विराजमान कर रंगभूमि तक ले जाया गया।
रंगभूमि में सम्पन्न विभिन्न वैवाहिक विधियों के पश्चात भगवान राम और माता सीता को पुनः जानकी मंदिर में लाया गया तथा मिथिला की प्रचलित विधि अनुसार विवाह संस्कार सम्पन्न किए गए।
विवाह महोत्सव में निकली शोभायात्रा में नेपाली श्रद्धालुओं के साथ भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आए लाखों भक्तगण भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास