
रायपुर, 26 नवंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में हुए कथित 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में आज महत्वपूर्ण कार्रवाई हुई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा एवं एन्टी करप्शन ब्यूरो की रायपुर की विशेष अदालत में पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास समेत कारोबारी नीतेश पुरोहित, यश पुरोहित, अतुल सिंह सहित कुल 6 आरोपितों के खिलाफ आज 6वां आरोपपत्र पेश कर दिया गया। इस प्रकरण में अब तक कुल 50 आरोपितों के विरुद्ध चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है और मामले की विवेचना जारी है।
जांच एजेंसी ने अदालत में 7000 पन्नों का 6वां पूरक आरोपपत्र पेश किया जिसमें सभी आरोपितों की भूमिका, वित्तीय लेनदेन और कथित अनियमितताओं का विवरण शामिल है।आरोपपत्र के अनुसार आरोपित तत्कालीन आबकारी आयुक्त एवं सचिव (आबकारी) निरंजन दास ने लगभग तीन वर्ष की अपनी पदस्थापना अवधि में आबकारी नीति एवं अधिनियम में बदलाव, विभागीय टेंडरों में हेरफेर, विशेष व्यक्तियों और सक्रिय सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने वाली व्यवस्थाएं जानबूझकर की, ताकि पूर्व आइएएस अनिल टुटेजा एवं अनवर ढेबर के संरक्षण वाले सिंडिकेट को अवैध कमीशन उगाही में सीधा लाभ मिल सके। ईओडब्ल्यू ने पाया है कि बदले में निरंजन दास को प्रतिमाह 50 लाख रुपये तक की हिस्सेदारी मिलती थी। उनकी पदस्थापना अवधि के वित्तीय लेन-देन के विश्लेषण से कम से कम 16 करोड़ रुपये की अवैध आय अर्जित की है। यह राशि उनके और उनके स्वजनों के नाम पर अचल संपत्तियों में निवेश किए जाने के प्रमाण भी सामने आए हैं। आगे की जांच में यह रकम और भी अधिक होने की संभावना जताई गई है।
जांच में राजफाश हुआ कि विदेशी मदिरा पर शराब प्रदाता कंपनियों से जबरन कमीशन उगाही के उद्देश्य से बनाई गई दोषपूर्ण एफएल-10ए लाइसेंसी प्रणाली के कारण राज्य शासन को करीब 530 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इससे आरोपित अतुल सिंह और मुकेश मनचंदा पर यह आरोप सिद्ध हुआ कि इन्होंने सिंडिकेट और कंपनियों के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाई और कमीशन की बड़ी रकम सिंडिकेट तक पहुंचाई। इसके अलावा, ओम साई बेवरेजेस प्रालि को भी करीब 114 करोड़ रुपये का अवैध लाभ मिलने के प्रमाण मिले हैं।
कारोबारी अनवर ढेबर के करीबी सहयोगी नितेश पुरोहित और उसके पुत्र यश पुरोहित ने हवाला के जरिए एक हजार करोड़ रुपये की गड़बड़ी की है । ईओडब्ल्यू की जांच के अनुसार, दोनों ने अपने होटल गिरिराज, जेल रोड, रायपुर में शराब घोटाले से वसूली गई रकम इकट्ठा करने, छुपाने, प्रबंधन और रकम को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम किया।
जांच में उजागर हुआ कि अनवर ढेबर का करीबी होटल वेलिंग्टन कोर्ट का मैनेजर चावड़ा सिंडिकेट की बड़ी रकम को शीर्ष व्यक्तियों तक पहुंचाता था। रकम को छुपाने और हवाला के माध्यम से लेन-देन करने में भूमिका निभाता था। एजेएस एग्रो में डायरेक्टर रहते हुए सिंडिकेट के पैसों से करोड़ों रुपये के जमीन निवेश में सक्रिय था। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ईडी जांच कर रही है।ईडी ने एसीबी में प्राथमिकी दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी में 3200 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। इस घोटाले में राजनेता, आबकारी विभाग के अधिकारी, कारोबारी सहित कई लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज है।
शराब घोटाला मामले में अब तक पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके अलावा आबकारी विभाग के 28 आबकारी अधिकारी भी आरोपित बनाए गए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा