
नई दिल्ली, 27 नवंबर (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को संसद भवन में साइप्रस की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष अनीता दिमेत्रियु के नेतृत्व में आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। लगभग तीन दशकों के बाद हो रही इस उच्चस्तरीय संसदीय यात्रा में दोनों पक्षों में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, संसदीय सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर बातचीत हुई।
बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने भारत-साइप्रस के गहरे दोस्ताना रिश्तों और ऐतिहासिक लोकतांत्रिक जुड़ाव पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देश आपसी विश्वास और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घनिष्ठ सहयोग की एक समृद्ध परंपरा साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष साइप्रस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिला सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस' द्विपक्षीय संबंधों की निकटता और सद्भावना का प्रतीक है।
ओम बिरला ने कहा कि भारत और साइप्रस जीवंत संसदीय लोकतंत्र की विरासत साझा करते हैं, जो विधायी, तकनीकी और संस्थागत क्षेत्रों में सहयोग की बड़ी संभावनाएं खोलता है। साइप्रस संसदीय दल की यात्रा से शासन, प्रौद्योगिकी-संचालित विधायी प्रक्रियाएं, संसदीय प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में नए मार्ग खुलेंगे। साइप्रस प्रतिनिधिमंडल ने वैश्विक मंच पर भारत के नेतृत्व और समर्थन की सराहना करते हुए आतंकवाद के प्रति भारत के जीरो-टॉलरेंस दृष्टिकोण का पूर्ण समर्थन किया। उन्होंने साइप्रस क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में भारत और यूरोप की साझा भूमिका पर भी जोर दिया। दोनों पक्षों ने पीपल-टू-पीपल संपर्क बढ़ाने, संसदीय प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करने पर सहमति व्यक्त की।
बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ने भारतीय संसद की कार्यप्रणाली, समितियों की भूमिका और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व डिजिटल संसद जैसे आधुनिक नवाचारों से पारदर्शिता, दक्षता और बहुभाषी पहुंच में हुए सुधारों की जानकारी भी साझा की। संविधान दिवस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान सामाजिक न्याय, आर्थिक सशक्तीकरण और समावेशी राष्ट्रीय विकास का आधार है। साइप्रस प्रतिनिधिमंडल ने भारत के नए संसद भवन की स्थापत्य कला की विशेष प्रशंसा की। ---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर