
ढाका, 27 नवंबर (हि.स.)। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को राजधानी ढाका की एक विशेष अदालत ने जमीन आवंटन में हुए भ्रष्टाचार के तीन मामलों में दोपहर के वक्त कुल 21 साल जेल की सजा सुनाई। यह मामले राजुक न्यू टाउन प्रोजेक्ट पूर्वांचल में 30 कट्ठा सरकारी जमीन के कथित गैरकानूनी आवंटन से जुड़े हैं। हसीना एवं अन्य के खिलाफ बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने जनवरी में छह मामले दर्ज किए थे। बाकी तीन मामलों मे एक दिसंबर को फैसला सुनाया जाएगा।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना को तीनों मामलों में से हर एक में सात साल की सजा का फैसला सुनाया गया। दूसरे आरोपितों को भी अलग-अलग सजा सुनाई गई। यह फैसला ढाका विशेष अदालत-5 के जज मोहम्मद अब्दुल्ला अल मामून ने सुनाया। तीनों मामलों में कुल 47 आरोपित हैं। पहले मामले में शेख हसीना समेत 12, दूसरे में अपदस्थ प्रधानमंत्री और उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय समेत 17, तीसरे में हसीना और उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल समेत 18 आरोपित हैं। कोर्ट ने हिरासत में मौजूद एकमात्र आरोपित पूर्व राजुक (एस्टेट और लैंड) सदस्य मोहम्मद खुर्शीद आलम की दलील सुनने के बाद रविवार को फैसले की तारीख तय की। फैसला शेख हसीना और उनके परिवार के सदस्यों समेत बाकी आरोपितों की गैर मौजूदगी में सुनाया गया।
इससे पहले अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश के आपराधिक न्यायाधिकरण-1 ने 17 नवंबर को मौत की सजा का फैसला सुनाया था। आज तीन मामलों में सजा सुनाई गई है। बाकी तीन मामलों में फैसला एक दिसंबर को सुनाया जाएगा। बांग्लादेश के न्यूज पोर्टल बीएसएस के अनुसार, दोनों पक्षों की जिरह 22 नवंबर को समाप्त हुई थी। इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने आज फैसले में कहा कि भूखंड शेख हसीना को बिना किसी आवेदन के और गैरकानूनी तरीके से आवंटित किया गया। कोर्ट ने शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय को पांच साल की जेल की सजा सुनाई और एक लाख टका का जुर्माना लगाया। उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल को भी पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद