
काठमांडू, 27 नवंबर (हि.स.)। काठमांडू, सुनसरी और मोरंग स्थित भाटभटेनी सुपर मार्केट में 9 सितंबर को हुए प्रदर्शन के दौरान आगजनी में पूरी तरह जले 12 शवों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है। प्रदर्शन के दौरान जले हुए भाटभटेनी के स्टोर्स की सफाई के समय ये शव मिले थे।
काठमांडू पुलिस परिसर के एसपी पवन कुमार भट्टराई ने बताया कि इन शवों को पहचान के लिए त्रिवि शिक्षण अस्पताल भेजा गया है। अस्पताल में चिकित्सकों ने पुलिस को जानकारी दी कि शव देखकर पहचान करने की स्थिति नहीं है। डीएनए परीक्षण का प्रयास किया गया, लेकिन जल चुके कंकाल और राख से डीएनए नमूना निकालना संभव नहीं हो सका। इसी कारण अब तक पहचान नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि यूरोपीय देशों में कंकाल से डीएनए निकालने की तकनीक संभव होने की जानकारी मिलने के बाद इस पर भी चर्चा चल रही है।
जेन जी प्रदर्शन के अगले दिन भाटभटेनी के सभी स्टोर्स बंद थे, इसलिए कंपनी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ये शव न तो ग्राहक के हैं और न ही उनके किसी कर्मचारियों के। मोरंग के भाटभटेनी में मिले एक शव की पहचान भले न हो पाई हो, लेकिन कोशी अस्पताल में नमूना एकत्र कर उसका अंतिम संस्कार किया जा चुका है। सुनसरी के भाटभटेनी में मिले 4 शवों की भी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
जिला पुलिस कार्यालय मोरंग के एसपी कबिद कटुवाल के अनुसार घटनास्थल से कंकाल के अवशेष मिले थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर शव के प्रबंधन का जिम्मा दिया गया था। अभी तक कोई परिजन इसकी खोज में सामने नहीं आया। नाम–पता कुछ नहीं मिल सका।
प्रमुख जिला अधिकारी वासुदेव घिमिरे ने बताया कि शव जैसी राख मिली थी, जिसमें लगभग शरीर पूरी तरह राख में बदल चुका था। उसे उसी समय नष्ट कर दिया गया और अब तक कोई दावा करने नहीं आया।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास