ध्यान व योग से दूर किए जा सकता है एकाकीपन और तनाव: राष्ट्रपति मुर्मू

28 Nov 2025 14:17:01
संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु


लखनऊ, 28 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी के सहारे दुनिया ने बहुत प्रगति की है, लेकिन इसके साथ ही लोगों में एकाकीपन और तनाव भी बढ़ा है। ऐसे में ब्रहमकुमारीज संस्था का शुरु किया जा रहा योग, विश्वास और एकता का अभियान लोगों को अधिक मानवीय और जीवन काे आनंददायक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

राष्ट्रपति मुर्मु शुक्रशार काे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सुलतानपुर रोड पर स्थित ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेंटर, गुलजार उपवन में ब्रह्माकुमारीज संस्था की वार्षिक थीम 2025-26, 'विश्व एकता और भरोसे के लिए ध्यान' के शुभारंभ करने के बाद संबोधित कर रही थीं। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में संस्था की बच्चियों ने मयूर नृत्य से राष्ट्रपति का स्वागत किया।

राष्ट्रपति मुर्मु ने ओम शांति कहकर अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने ध्यान योग अभियान की शुरुआत के लिए ब्रह्मकुमारीज बहनों को धन्यवाद दिया। उन्हाेंने कहा कि मनुष्य ने विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में खूब तरक्की की है, लेकिन समाज में तकनीकी उन्नति के साथ एकाकीपन, ईर्ष्या, अविश्वास और दुख भी बढ़ा है। इसके लिए मेडिटेशन एक कारगर उपाय हो सकता है। ब्रहमकुमारी संस्था की कई विशिष्टताओं का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति कहा कि केंद्र सरकार की ओर से महिला उत्थान, महिला सशक्तीकरण, आत्मनिर्भर भारत, ध्यान और पर्यावरण जैसे विषयों पर अभियान चलाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार मिशन लाइफ के माध्यम से लोगों को स्वस्थ और मानवीय बनाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने वर्ष 2023 में भारत में आयोजित जी-20 की थीम का जिक्र करते हुए कहा कि ब्रह्मकुमारी का ध्यान और योग से जुड़ा य​ह अभियान मानवता काे पहले से अधिक सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सुख और शांति बाहरी दुनिया से नहीं बल्कि व्यक्ति के अंदर होती है और यह ध्यान और योग के माध्यम से ही अनुभव किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हम केवल आगे बढ़ने के लिए ही नहीं बल्कि स्वयं के भीतर झांकने की भी आदत डालें। विश्वास वहीं टिकता है, जहां विचार स्वस्थ और भावनाएं स्वच्छ होती हैं। हमारे भीतर आत्मिक चेतना जागृत होती है तो प्रेम, विश्वास और भाईचारा भी विकसित होता है। ब्रह्मकुमारीज संस्था की ओर से योग के माध्यम से पूरे विश्व में शांति, सुख और प्रेम का संदेश जन जन तक पहुंचाया जा रहा है। संस्था की ओर से नारी सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में भी किए जा रहे कार्य प्रशंसनीय है। राष्ट्रपति ने कहा कि ब्रह्मकुमारी संस्था केवल माउंटआबू तक सीमित नहीं है, बल्कि आज गांव -गांव में शिक्षा और संस्कार केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जहां संस्था के भाई और बहन लोगों में विश्वास,एकता और मानवता और ध्यान योग के प्रति जागरुक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज राज्य स्तरीय कार्यक्रम से एक नई शुरुआत हुई है और इसके लिए ब्रह्मकुमारी संस्था के पदाधिकारी अभिनंदन के पात्र हैं।

मेडिटेशन से दूर होता है तनाव: आनंदीबेन पटेल

समाराेह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ब्रह्मकुमारीज संस्थान की स्थापना और उसके उदृेेश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्ष 1937 में जब समाज व्याधियों से व्यथित था, ऐसे समय में इस संस्थान की नींव रखी गई। उन्होंने कहा कि राजयोग से सुख, शांति, पवित्रता जैसे गुण स्वतः आने लगते हैं। मेडिटेशन सिखाता है कि आत्मा अमर अविनाशी है। राजयोग एक अभ्यास नहीं, बल्कि संपूर्ण सकारात्मक जीवन शैली है। वर्तमान परिस्थितियां हमारे कर्मों का ही कल है। यह अपने आप से मिलने की अनुभूति है।

महत्चपूर्ण है अभियान: योगी

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव का क्षण है कि ध्यान योग को लेकर हम इतना बड़ा अभियान शुरू करने जा रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रपति की मौजूदगी हमारे लिए गौरव की बात है। इस समाराेह में आयाेजक संस्था के पदाधिकारियाें के अलावा प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी और वरिष्ठ नागरिक माैजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / शिव सिंह

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