कॉप-30 में अनुकूलन संकेतक को सही बनाना एक बड़ा मुद्दा होगा: भूपेंद्र यादव

03 Nov 2025 23:50:01
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव


नई दिल्ली, 3 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि ब्राजील के बेलेम में होने वाले यूएन क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस

कॉप-30 में अनुकूलन संकेतक को सही बनाना एक बड़ा मुद्दा होगा। फ्रेमवर्क को विकसित देशों से वित्त, तकनीक हस्तांतरण और क्षमता निर्माण की सहायता के लिए पारदर्शी निगरानी भी मुमकिन बनानी होगी। इसमें जलवायु अनुकूलन सबसे अहम हैं, ताकि बढ़ते तापमान, बाढ़, सूखे और तूफानों के लिए समुदायों को तैयार कर सके। और समय रहते इनसे निपटने के उपाय तैयार कर सके।

सोमवार को कॉप 30 सम्मेलन से पहले मीडिया से बातचीत में भूपेंद्र यादव ने कहा कि अनुकूलन पर दुनिया की प्रगति काफी धीमी, सीमित और बिखरी हुई रही है। इसे बदलने के लिए, देशों ने पेरिस एग्रीमेंट के तहत अनुकूलन की कोशिशों को ट्रैक करने और मजबूत करने के लिए ग्लोबल गोल ऑन अडॉप्टेशन (जीजीए) बनाया है। हालांकि 2015 में इस पर सहमति बनी थी, लेकिन यह लक्ष्य दुबई, यूएई में 2023 के यूएन क्लाइमेट समिट- कॉप-28 में ही आकार ले पाया, जहां देशों ने एक्शन के लिए एक बड़ा फ्रेमवर्क तय किया। यादव ने कहा कि हालांकि, इसमें अभी भी साफ टारगेट और फाइनेंस, टेक्नोलॉजी और कैपेसिटी बिल्डिंग में काफ़ी सपोर्ट की कमी है। 2025 में कॉप-30 में, देशों को ऐसे इंडिकेटर पर सहमत होकर जीजीए को बेहतर बनाना होगा जिन्हें मापा जा सके, ताकि दुनिया सही तरीके से प्रोग्रेस को ट्रैक कर सके और कमजोर समुदायों के लिए सुरक्षा बढ़ा सके। उन्होंने कहा कि ब्राजील में होने वाला जलवायु सम्मेलन बहुपक्षवाद ( सभी देशों को एकमत करना) यानी जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करने पर सहमत होना भविष्य के लिए बहुत जरूरी होगा।

पिछले महीने ब्रासीलिया में प्री- कॉप-30 में मंत्रियों की बैठक में अपने वक्तव्य के बारे में केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि नवंबर में होने वाले 30वें यूएन क्लाइमेट समिट से यह मजबूत सिग्नल जाना चाहिए कि मल्टीलेटरलिज्म ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन का आधार बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन से लेकर गाजा तक, भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद, दुनिया को जलवायु पर एकजुट होना चाहिए। भारत वैश्विक दक्षिण का प्रतिनिधित्व करता है और वार्ता में समानता की वकालत करता है,।

भूपेंद्र यादव ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की अग्रणी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2014 में नवीकरण ऊर्जा की क्षमता 2.7 गीगावाट थी जो आज बढ़कर 127 गीगावाट हो गई है—जो 45 गुना वृद्धि है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक पेड़ मां के नाम के तहत पिछले डेढ़ साल में 20 करोड़ पेड़ लगाए गए।भारत ने ब्रिक्स जैसे समूहों का प्रतिनिधित्व करते हुए उत्सर्जन की तीव्रता को कम किया है।

उल्लेखनीय है कि कॉप 30 सम्मेलन ब्राजील के बेलम में 11 नवंबर से 21 नवंबर तक आयोजित होने वाला है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

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