
काठमांडू, 3 नवंबर (हि.स.)। विदेश मंत्रालय ने 11 विभिन्न देशों में कार्यरत नेपाली राजदूतों को तीन दिन के भीतर मंत्रालय में उपस्थित होने का निर्देश देते हुए पत्र जारी किया है। यह पत्र सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने के अगले दिन भेजा गया है।
सोमवार को मंत्रालय ने पहले ही वापस बुलाए गए इन राजदूतों को दोबारा पत्राचार करते हुए 6 नवंबर तक मंत्रालय में संपर्क करने का आदेश दिया।
विदेश मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाली प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कैबिनेट की बैठक में यह भी निर्णय लिया कि सरकार द्वारा वापस बुलाए गए राजदूतों को अपने पहले से जारी हवाई टिकट का उपयोग करते हुए नेपाल लौटना होगा।
गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने 11 देशों में कार्यरत नेपाली राजदूतों को वापस बुलाने का निर्णय लिया था। हालांकि, रविवार को ही सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार के इस फैसले के कार्यान्वयन पर अस्थायी रोक लगाते हुए एक अंतरिम आदेश जारी किया था।
यह आदेश अधिवक्ता प्रतिभा उप्रेती और अनंतराज लुइँटेल द्वारा दायर रिट पर न्यायाधीश सारंगा सुवेदी और श्रीकांत पौडेल की संयुक्त पीठ ने जारी किया था। अदालत के इस आदेश के बावजूद सरकार ने संबंधित राजदूतों को विदेश में न रहते हुए मंत्रालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
सरकार द्वारा वापस बुलाए गए राजदूतों में शामिल हैं—
चीन के कृष्ण प्रसाद ओली
जर्मनी के डॉ. शैल रुपाखेती
इज़राइल के धनप्रसाद पंडित
मलेशिया के डॉ. नेत्र प्रसाद तिमल्सिना
क़तर के रमेश चंद्र पौडेल
रूस के जंग बहादुर चौहान
सऊदी अरब के नरेश विक्रम ढकाल
स्पेन के शनिल नेपाल
संयुक्त अधिराज्य (ब्रिटेन) के चंद्र कुमार घिमिरे
संयुक्त राज्य अमेरिका के लोक दर्शन रेग्मी
जापान के डॉ. दुर्गा बहादुर सुवेदी।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास